सावधान: अब आया मोमो वाट्स एप खेल, साइबर सेल ने जारी की एडवाइजरी

Update:2018-08-19 19:07 IST
ब्लू व्हेल के बाद अब मोमो चैलेंज ले रहा जान

नोएडा: सोशल मीडिया किस तरह से बच्चों के जीवन पर हावी हो रहा है। इसका नजारा 2016 में ब्लू व्हेल खेल के जरिए देखा जा सकता था। करीब 130 बच्चों की जान इस खेल ने ली थी। इसी तरह का एक नया खेल मोमो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि अभी इसका असर लेटिन अमेरिका व जापान में देखने को मिल रहा है। लेकिन भारत में भी यह खेल अपने पांव पसार सकता है। लिहाजा यहां साइबर सेल पहले ही सर्तक हो गया है। बतौर साइबर एक्सपर्ट द्वारा एक एडवाइजरी भी जारी की गई। जिससे बच्चों की पहुंच से इस खेल को दूर रखा जा सकता है। फिलहाल अब तक इस खेल से किसी के अवसाद में जाने या मौत की सूचना नहीं मिली है। लिहाजा यहां पांव पसारने से पहले ही इसे रोका जाना बेहद जरूरी है।

व्‍हाट्सएप पर वायरल होता है कांटेक्‍ट, जापान का मिलता है एरिया कोड

जानकारी के लिए बता दें कि लैटिन अमेरिकी देशों में वाट्सएप पर एक नम्बर खूब वायरल हो रहा है। जिसको मोमो वाट्सएप बताया जा रहा है। वाट्स एप पर एक कांटैक्ट शेयर किया जा रहा है, जिसका एरिया कोड जापान का है। जो लोग इस कांटैक्ट को सेव कर रहे हैं, उनके मोबाइल पर एक बड़ी आँखों वाली लड़की की तस्वीर आ रही है जो काफी डरावनी है। दावा किया जा रहा है कि जो भी इस नम्बर पर लड़की से बात करता है, वह आत्महत्या की तरफ बढ़ने लगता है। लोगों द्वारा इसके कई स्क्रीन शॉट भी डाले जा रहे हैं। जिसमें देखा जा सकता है कि यह गेम भी ब्लू व्हेल की तरह ही है जो टास्क देता है और टास्क पूरा नहीं करने पर एकाउंट हैक जैसी बातें करता है। इसकी शुरुआत सेल्फी से होती है।

मोमो का मकसद है लोगों के मन में डर पैदा करना

पूर्व में वायरल हुए ब्लू व्हेल चैलेंज को लोग अभी पूरी तरह से भूले नहीं थे कि मोमो वाट्स एप आ गया। साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल ने बताया कि यह बिलकुल उसी तरह का है। जानकारी के अनुसार सबसे पहले इस प्रोफाइल को फेसबुक पर देखा गया था। इसके बाद कई लोगों ने इस प्रोफाइल पर कांटैक्ट करने की कोशिश की थी। मोमो की प्रोफाइल में जिस लड़की की तस्वीर दिखाई दे रही है, उसका चेहरा बिलकुल 2016 में जापान के एक संग्रहालय में प्रदर्शित की गयी मूर्तिकला से मिलता-जुलता है। जानकारी के अनुसार मोमो का मकसद लोगों के मन में डर पैदा करना है।

कैसे बच्चों से रखेंं दूर

साइबर एक्‍सपर्ट ने इस खेल से बच्‍चों को बचाने के लिए कुछ टिप्‍स दिए हैं। पैरेंट्स को चाहिए कि अपनी कॉन्टेक्ट लिस्ट में वही नंबर सेव करें जो आपके परिचित के हों। बच्चों के फोन में पैटर्न लॉक करके रखें। जिसको आप जानते न हों, उनसे नंबर एक्सचेंज न करें। आपके बच्चे सोशल मीडिया अकाउंट पर क्या शेयर कर रहे हैं, इस बात का ध्यान रखें। खास कर फोन नंबरों पर नजर रखें। क्योंकि सोशल मीडिया पर कोई भी आसानी से फोन नंबर ले सकता है। अपने फोन को एंटी वायरस से प्रोटेक्ट करें। ऐसा करने पर जब भी आप किसी लिंक को ओपन करेंगे तो पॉप-अप आ जाएगा। यही नहीं, वो आपके वाट्सऐप, एसएमएस, और फेसबुक मैसेंजर को भी प्रोटेक्ट करेगा। गैजेट्स पर विशेष रूप से मैसेजिंग ऐप्स पर नजदीकी नजर रखें। चूंकि ये गेम सुरक्षा कारणों से ऐप्स लॉन्च करने में असमर्थ हैं, इसलिए वे मैसेजिंग ऐप्स पर निष्पादित होते हैं जो नि:शुल्क हैं और बच्चों तक आसानी से पहुंच रखते हैं।

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