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लखनऊ: 2001 में गुजरात के गुल्बर्ग सोसायटी में हुए नरसंहार केस के फैसले का हमें इंतजार है। उसकी तस्वीरें आज भी दिल दहला देती हैं, लेकिन अगर इतिहास पर नजर डालें तो कई बार ऐसे खौफनाक मंजर सामने आए हैं, जिन्हें याद करते ही उसकी तस्वीरें आंखों के सामने घूमने लगती हैं। उन घटनाओं को झेलने वालों का दर्द तस्वीरों में ताउम्र के लिए कैद हो गया।
आइए आपको स्लाइड्स में दिखाते हैं ऐसी ही कुछ बोलती हुई तस्वीरें....
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3 दिसंबर, 1984 को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ, जिससे लगभग 15000 से ज्यादा लोगों की जान गई और बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। गैस कांड में मिथाइल आइसोसाइनाइट (मिक) नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था।
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इस बच्चे की फोटो देखकर हर किसी की आंखें नम हुई थीं। ये फोटो है एलेन कुर्दी नाम के मासूम की। एलेन की इस फोटो ने सीरिया के उस दर्द को सतह पर ला दिया, जिसे या तो दुनिया देख नहीं रही थी या देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। ISIS के आतंक से जूझते सीरिया का घाव इतना गहरा था कि 2,500 लोगों ने समुद्र के रास्ते सीरिया से यूरोप जाने की कोशिश में डूब कर अपनी जान गंवा दी थी।
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जून 2013 में 340 मिलीमीटर की भारी बारिश से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गई थी। इसमें लगभग 5,000 लोगों की जान चली गई थी और कई धार्मिक स्थलों को नुकसान पंहुचा था। इस बाढ़ से उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्य प्रभावित हुए थे।
आगे की स्लाइड में पढ़िए, जब हिली धरती और खत्म हो गए कई परिवार...
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भारत जिस वक्त 52वां गणतंत्र दिवस मना रहा था, तभी सुबह पौने नौ बजे गुजरात का भुज भूकंप से हिल उठा 26 जनवरी, 2001 को आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप से हजारों लोग मारे गए थे। जबकि चार लाख घर धरती में समां गए थे। भूकंप के झटके करीब 700 किलोमीटर दूर तक महसूस किए गए थे।
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2002 में हुए गुजरात दंगों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस दंगे में दंगे में 1,044 लोगों की मौत हुई थी। इसमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे। कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा साबरमती एक्सप्रेस में 59 कार सेवकों को जिंदा जलाने के बाद अहमदाबाद और गुजरात के अन्य हिस्से में ये दंगा भड़की थी, जिसमे कई निर्दोष जानें चली गई थी। इन दंगों के वक्त गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी थे, जिन पर काफी उंगलियां भी उठी थीं।
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आगे की स्लाइड में पढ़िए, साबरमती के संत को आखिरी बार देखने उमड़ी थी भीड़...
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ये फोटो है महात्मा गांधी के अंतिम संस्कार की है, जिसमें लाखों लोग शामिल हुए थे। नाथूराम गोडसे ने गांधी जी को गोली मारी थी। मरते वक्त उनके आखिरी शब्द 'हे राम' थे। अहिंसा को अपना हथियार बनाकर जिस तरह गांधी जी ने देश को आजादी दिलाई थी, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। महात्मा गांधी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने असाधारण कार्यों और अहिंसावादी विचारों से पूरी दुनिया की सोच बदल दी थी।
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मुंबई में 26 नवम्बर, 2008 को आतंकवादी हमला हुआ था। इंडिया में ये सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था, जिसमें कई निर्दोष जानें चली गईं थी। पकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों को मारने के लिए केंद्र सरकार को 200 एनएसजी कमांडो, सेना के 50 कमांडो और सेना की पांच टुकड़ियां भेजनी पड़ी थीं ।इसमें से एक आतंकवादी जिंदा पकड़ा गया था, जिसका नाम अजमल आमिर कसाब था, जिसे बाद में 2011 में फांसी दी गई थी।
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1984 में सिख विरोधी दंगे हुए थे, जिसके लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। इसमें 3,000 से ज्यादा मौतें हुईं थीं। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भारतीय सेना ने दमदमी टकसाल के प्रमुख और पंजाब में पृथकतावादी अभियान चला रहे उनके प्रमुख जरनैल सिंह भिंडरांवाले को उनके सैंकड़ों हथियारबंद साथियों के साथ ख़त्म कर दिया था। राजीव गांधी से दंगों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा था, "जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तब पृथ्वी भी हिलती है"।
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अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 11 सितंबर 2001 हमला हुआ ,जिसमें अमेरिका की शान माना जाने वाला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में राख का ढेर बन गया था। इस हमले में आतंकवादियों ने दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर से टकरा दिया था, जबकि एक विमान से पेंटागन पर हमला किया था। इन विमानों में सवार यात्रियों समेत करीब 3,000 लोगों की मौत हुई थी।
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