कोई भी महिला खतरे में डायल करे 112, जानिये ये नंबर क्यों चुना गया
केंद्र सरकार ने मंगलवार को एकल आपातकाल इमरजेंसी नंबर 112 की शुरुआत की। यह हेल्पलाइन नंबर पुलिस (100), आग (101) और महिला (1090) हेल्पलाइन नंबरों का एकीकृत नंबर है। स्वास्थ्य विभाग के एम्बुलेंस हेल्पलाइन नंबर (108) को भी जल्द इसके साथ समाहित किया जाएगा।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को एकल आपातकाल इमरजेंसी नंबर 112 की शुरुआत की। यह हेल्पलाइन नंबर पुलिस (100), आग (101) और महिला (1090) हेल्पलाइन नंबरों का एकीकृत नंबर है। स्वास्थ्य विभाग के एम्बुलेंस हेल्पलाइन नंबर (108) को भी जल्द ही इसके साथ समाहित किया जाएगा।
इस हेल्पलाइन नम्बर के शुरू होने के बाद से मुसीबत में फंसे लोगों को अलग-अलग नम्बर डायल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि एक ही नम्बर 112 डायल करने से मदद मिल सकेगी।
इस हेल्पलाइन नम्बर को विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है। जो आज से काम करना शुरू कर देगी। इस नंबर के जरिए महिलाएं किसी भी तरह की मुसीबत में होने पर तुरंत मदद पा सकेंगी। इस हेल्पलाइन नंबर के साथ ही ‘112 ऐप’ भी डेवलप किया गया है। जिसे किसी भी मोबाइल फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है और इमरजेंसी में सुविधाएं ली जा सकती हैं।
इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ क्राइम की जांच की ऑनलाइन मॉनिटरिंग और दो महीने के भीतर उसकी जांच पूरी करने के लिए इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम भी बनाया गया है। इस सर्विस की शुरुआत 19 फरवरी को गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा की गई।
इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर के साथ 112 ऐप भी लॉन्च किया गया है, जो iOS और एन्ड्रॉयड दोनों के लिए गूगल प्लेस्टोर और ऐपस्टोर पर मौजूद है।
112 ही क्यों?
112 नंबर दरअसल न सिर्फ भारत का बल्कि पूरी दुनिया का इमर्जेंसी नंबर बन सकता है। सभी GSM स्टैंडर्ड और GSM आधारित मोबाइल फोन 112 लॉक मोड में भी डायल कर सकते हैं। कुछ देशों में तो अगर सिम कार्ड नहीं है तो भी मोबाइल फोन से इस नंबर पर कम्युनिकेट किया जा सकता है। कई यूरोपी देशों में भी ये नंबर काम करता है और इसे इमर्जेंसी नंबर स्थापित किया गया है। जैसे ही 112 पर कॉल किया जाएगा वैसे ही पुलिस ये कॉल देखेगी और तुरंत एक्शन लेगी. कॉल डिस्ट्रिक्ट कमांड सेंटर द्वारा रिसीव की जाएगी और तुरंत ही इमर्जेंसी गाड़ियां भेज दी जाएंगी।
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इसकी मदद से कोई भी महिला इमरजेंसी में हेल्पलाइन के माध्यम से या फिर ऐप के जरिए हेल्प मांग सकती है। मैसेज मिलते ही सबसे नजदीक थाने की पुलिस टीम को मदद करने के लिए रवाना कर दिया जाएगा और महिला की शिकायत पर होने वाली सभी जांच की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी।
इस ऐप में महिलाओं और बच्चों को फटाफट मदद पहुंचाने के लिए "SHOUT" नाम से फीचर मौजूद होगा, जिससे एरिया के आस-पास वाले रजिस्टर्ड स्वयंसेवकों को मदद के लिए तुंरत भेजा जाएगा।
गृह मंत्रालय के मुताबिक आप इमरजेंसी सर्विस के लिए 112 डायल कर सकते हैं या फिर अपने स्मार्टफोन के पावर बटन को 3 बार प्रेस कर सकते हैं। इसके अलावा नॉर्मल मोबाइल में 5 या फिर 9 नंबर को लॉन्ग प्रेस करें, इससे ये इमरजेंसी नंबर एक्टिवेट हो जाएगा।
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गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज विशेष रूप से तैयार 'इनवेस्टीगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल आफेंसेस' का मंगलवार को उद्घाटन किया। इस ऑनलाइन मॉनिटरिंग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की जांच दो महीने के भीतर पूरा किया जा सके, ताकि अपराधी को जल्द-से-जल्द सजा मिले।
इन राज्यों और केंद्र साशित प्रदेशों में शुरू होगी सेवा
आंध्रप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, केरल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी, अंडमान, लक्ष्यद्वीप, दादर नगर हवेली और दमन व दीव के साथ-साथ मुंबई में इस सेवा की शुरुआत की जाएगी. इससे पहले ये इमरजेंसी नंबर हिमाचल और नागालैंड में चालू था।
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