ALERT: इंटरनेट से रखें बच्चों को दूर, नहीं तो इस लत से आपके बीच बढ़ेगा डिस्टेंस
जयपुर: डिजिटल दुनिया का बच्चों के जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। हर घर में स्मार्ट फोन होना आम बात है और इस वजह से बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन दिख जाता है। कुछ हद तक ये ठीक भी है क्योंकि इंटरनेट पढ़ाई-लिखाई के लिए जरूरी हो चुका है। दूसरी ओर इंटरनेट की लत उनके बचपन और यहां तक कि उनकी जिंदगी पर भी खतरा हैं। ऐसे कुछ तरीके, जिनसे आप बच्चों पर नजर रख सकते हैं कि वो इंटरनेट पर क्या कर रहे हैं। पेरेंटल कंट्रोल एप्लीकेशन आता है। ये मोबाइल में डालकर कुछ खास गेम्स या एप्स को लॉक किया जा सकता है, जो आपको लगता है कि आपके बच्चे के लिए ठीक नहीं। बच्चों से इंटरनेट के इस्तेमाल पर बात करें।ये किसी भी लॉक से बेहतर काम करता है। वर्चुअल स्पेस से कम नहीं, किसी को भी रियल दुनिया से अलग कर सकता है।
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इंटरनेट के दूसरे खतरों पर भी खुली चर्चा की जा सकती है। उन्हें किस तरह से कुछ खास गेम्स का लत लगा देते हैं और पढ़ाई से दूर कर देते है। बच्चा अगर सोशल मीडिया पर एक्टिव है तो प्राइवेसी पर बात की जानी चाहिए। किस तरह से फोटो या पोस्ट पर गलत किस्म के लोग ट्रैप या ट्रोल कर सकते हैं। इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए कुछ नियम तय किए जाने चाहिए। कितनी देर इंटरनेट चलेगा। बच्चा किनसे संपर्क न करें। दोस्ताना व्यवहार रखें, ताकि किसी मुसीबत में आपसे बात करने से घबराए नहीं। सोशल मीडिया पर उनके दोस्तों की सूची में आप भी शामिल हो सकते हैं। उन्हें यकीन दिलाएं कि आप उनकी वॉल पर कभी शर्मिंदा करने के लिए नहीं आएंगे, लेकिन दोस्तों की सूची में आपका होना क्यों जरूरी है। ब्राउजिंग साइट्स पर तगड़ा नियंत्रण रखें। इसपर नजर रखना आपके लिए जरूरी है।
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सावधान
अगर आपका बच्चा अपने आसपास के माहौल के प्रति उदासीन रहता है। सामाजिक मेल-जोल से उसने जानबूझ कर दूरी बना ली है, ताकि अपना सारा समय वह लैपटॉप व इंटरनेट पर व्यतीत कर सके। अगर आप उसका लैपटॉप ले लेती हैं या वाई-फाई कनेक्शन ऑफ करती हैं तो उसका मूड बेहद उखड़ जाता है। उसके व्यवहार में चिड़चिड़ापन नजर आता है, जब आप उससे इंटरनेट के अत्यधिक इस्तेमाल को लेकर सवाल करती हैं। इस संबंध में उसे आपसे झूठ बोलने से भी गुरेज नहींहोता।
इंटरनेट पर समय बिताने के बाद थोड़ी देर के लिए उसे स्विच ऑफ करने पर भी उसके दिमाग में वही बातें घूमती रहती हैं। उसे आपसे या आसपास के माहौल से कोई मतलब नहीं होता। इंटरनेट एडिक्शन की इस आदत के कारण उसका सामान्य जीवन प्रभावित होता नजर आता है। स्कूल में उपस्थिति कम हो जाती है। खाना-पीना व सोना समय से नहीं होता।
उपाय
बच्चे की दुनिया का हिस्सा बनने की कोशिश करें। उसके आसपास रहें। हो सकता है कि शुरुआत में वह इसे पसंद न करें, पर आपको उसके आसपास रहना है। उससे बातचीत करें। उसके पसंदीदा टीवी शो, फिल्मों, म्यूजिक इत्यादि की चर्चा करें। उसकी बातों को सुनें। इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर उसकी सोच जानें। फिर बेहद संयमित शब्दों में अपनी सोच बताएं। लैपटॉप पर वीडियो गेम्स का आकर्षण व रोमांच जबर्दस्त होता है। वहीं रोमांच उसे दूसरे माध्यमों से मिलना मुश्किल है, पर इस संबंध में कोशिश जरूर करें। उसे गिटार, मार्शल आर्ट या डांस क्लासेज जॉएन करने के लिए प्रेरित करें। इनडोर व आउटडोर गेम्स भी अच्छे होते हैं। उसे इनके फायदे बताएं। हो सकता है कि धीरे-धीरे उसे इनमें मजा आने लगे।
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