दीवाली के दिन इस तरह के लोगों को रखना होगा ध्यान, नहीं तो होगा नुकसान

Update: 2017-10-16 06:31 GMT

जयपुर:रोशनी, अतिशबाजी और स्वादिष्ट पकवानों का त्योहार दीवाली इस बार 19 अक्टूबर को है।इसे सब बड़े हर्षो-उल्लास से मनाते है। बच्चों से लेकर बड़े तक पटाखे जलाते है। ऐसे में वे लोग जो मरीज हैं उन्हें दीवाली के समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। दीवाली के दिन खासकर अस्थमा, दिल और त्वचा के रोगियों को सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि वातावरण में प्रदूषण का असर इनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

 

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दिल के मरीजों को धमाकों से बचना चाहिए। तेज आवाज की वजह से दिल की धड़कनों में असर पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है। इसके अलावा जिन लोगों को हाल-फिलहाल में हार्ट अटैक आया हो, खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

अस्थमा के रोगियों को 12 से 18 घंटे तक खास सावधानी बरतने की जरूरत है। दीवाली की शाम से लेकर अगले दिन दोपहर तक वातावरण में प्रदूषण रहता है, जिससे मरीजों को अटैक पड़ने की आशंका रहती है। ऐसे मरीज घरों से बाहर न निकलें।

जिन लोगों को त्वचा की एलर्जी हो, उनके लिए पटाखों का धुआं और बारूद परेशान कर सकता है। इन लोगों को बारूद के सीधे या फिर धुएं के संपर्क में आने त्वचा एलर्जी हो सकती है। इसलिए मरीजों को बचना चाहिए।

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अनार व फुलझड़ी से निकलने वाला धुआं आंखों में जलन पैदा कर देता है। कई बार पटाखों की चमक इतनी तेज होती है जिससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है व ठीक प्रकार से दिखाई देना बंद हो जाता है।

मधुमेह के रोगियों को खास एहतियात बरतना चाहिए। इन मरीजों को मिठाई नहीं खानी चाहिए और अगर खाएं तो शुगर फ्री मिठाई खाएं।

दीवाली पर पटाखों की तेज अवाज से गर्भवती महिलओं को सावधानी बरतनी होगी। कई बार तेज धमाके से शरीर का ब्लड प्रेशर अचानक कम हो जाता है। महिलाएं कान में रूई या फिर ईयर पैड लगा लें ताकि पटाखों की आवाज कानों को सुनाई न पड़े।

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