WOW! PM मोदी हुए इनके मुरीद, मिला ये बड़ा मौका.....

Update: 2018-07-18 09:11 GMT

रायपुर : छतीसगढ़ का छोटा सा कस्बानुमा शहर है धमतरी। यहाँ की रहने वाली 60 वर्षीय गोविंदी बाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस सूची में शामिल हो गई हैं जिनकी विकास यात्रा को केंद्र सरकार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रदर्शित कर रही है। गोविंदी बाई अब डिजिटल इंडिया की ब्रांड एबांसडर बन चुकी हैं।

गोविंदी बाई बताती हैं कि जब उन्होंने धमतरी में युवाओं को कम्प्यूटर, इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल करते देखा तो उनके मन में भी इसे सीखने की ललक जगी। हालांकि जब वह किसी कम्प्यूटर सेंटर पर जाकर इसे सीखने की इच्छा जाहिर करतीं तो लोग इसे गंभीरता से न लेते। मजाक उड़ाते। कई लोगों ने तो यह भी कहा कि 60 साल की उम्र में कम्प्यूटर और इंटरनेट सीखकर क्या करेंगी आप। वह कहती हैं कि मैंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और सीख कर ही दम लिया।

कंप्यूटर और इंटरनेट ठीक से चलाती हूँ अब

गोविंदी बाई बताती हैं निराश कर देने वाली इन बातों से वह हताश नहीं हुर्इं। उन्होंने अंतत: स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत कम्प्यूटर का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत जरूर आई, लेकिन हार नहीं मानी। जूझना पड़ा, लेकिन कम्प्यूटर सीख कर ही दम लिया। इस काम में बेटों व परिजनों ने भी भरपूर मदद की, हमेशा उत्साह बढ़ाए रखा। कहती हैं, अब मैं कम्प्यूटर चलाना जानती हूं और इंटरनेट भी।

काम में उम्र का नहीं कोई बंधन

गोविंदी बाई अब राशन की एक दुकान में ऑनलाइन काम कर रही हैं। कहती हैं, उम्र का कोई बंधन नहीं होता, जब मैं कम्प्यूटर सीखने के लिए पंजीयन कराने पहुंची थी तब मेरी उम्र को लेकर जिन लोगों ने आपत्ति की थी, बाद में सभी ने मुझे स्वीकार किया, आज सराह रहे हैं।

सरकार की उपलब्धियों की किताब में गोविंदी की कहानी

केंद्र सरकार की उपलब्धियों की किताब में गोविंदी को एक स्टार के रूप में पेश किया गया है। गोविंदी बाई की मेहनत और लगन को अब राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है। केंद्र सरकार ने ‘ट्रांसफार्मिंग इंडिया के 48 महीने’ के नाम से एक वीडियो तैयार किया है। इसमें गोविंदी बाई की पूरी कहानी बताई गई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी गोविंदी बाई के जज्बे को सलाम किया है। वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

 

 

Similar News