अस्थमा पेशेंट्स पर ठंड नहीं होगी हावी, इन घरेलू टिप्स को आजमाकर रह सकते हैं फिट
लखनऊ: ठंड आते ही अस्थमा के पेशेंट्स की प्रॉब्लम और बढ़ जाती है क्योंकि ठंड की वजह से सांस लेने वाली नाली में बलगम जल्दी जमा हो जाता है। यह बलगम सांस नली को ब्लॉक कर देता है। इसकी वजह से पेशेंट की सांस फूलने लगती है। वहीं कुछ लोगों में ठंड की एलर्जी से भी यह प्रॉब्लम बढ़ जाती है।
ठंड में अस्थमा के पेशेंट्स को न केवल टाइम तो टाइम दवा खानी चाहिए बल्कि कुछ खास बातों का ध्यान भी रखना चाहिए, ताकि ठंड में उनपर अस्थमा की बीमारी हावी न हो सके।
- ठंड में भी घर के माहौल को साफ़-सुथरा रखना चाहिए। वैंटिलेशन सही होने पर अस्थमा पेशेंट को कम परेशानी होती है।
- अस्थमा के पेशेंट्स को सांस नाक से लेनी चाहिए। ऐसा करने से हवा गरम हो कर फेफड़ों तक पहुंचती है। जिससे ठंड कम लगती है। कोशिश करें कि सांस मुंह से नहीं लें।
- ठंड में अस्थमा पेशेंट को फ्लू का वैक्सीन लगवा लेना चाहिए। इससे 70% तक पेशेंट ठंड की एलर्जी से बच सकता है।
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- ठंड से बचने के लिए कई अस्थमा पेशेंट घर में रूम हीटर का यूज करते हैं पर उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि टाइम टू टाइम रूम हीटर की सफाई होती रहे। उस पर धूल-मिटटी न जम पाए।
- अस्थमा पेशेंट्स के बेड से घर के पेट्स, टैडी बियर, फर वाले खिलौने, प्लांट्स को दूर रखना चाहिए।
- ठंड से बचने के लिए ज्यादातर लोग आग या रूमहीटर के पास बैठते हैं, जिससे उनके स्वेटर के रेशे अक्सर जल जाते हैं। इससे निकलने वाला धुंआ अस्थमा पेशेंट्स के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए कोशिश करें कि आग इतनी रहे कि घर गर्म रहे न कि किसी चीज से धुंआ निकलने लगे।
- घर की सफाई करने वाले इंसान को याद रखना चाहिए कि घर में अस्थमा पेशेंट भी है। इसलिए सफाई करते टाइम ज्यादा धूल नहीं उड़ानी चाहिए।
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- खाना खाने से पहले पेशेंट को अपने हाथ अच्छे से धोने चाहिए इससे किसी भी तरह के वायरस से आप बचे रहेंगे।
- कई बार ठंड आते ही लोग थोड़े आलसी हो जाते हैं। लेकिन अगर आप अस्थमा के पेशेंट हैं, तो ठंड में भी वर्कआउट की हैबिट नहीं छोड़नी चाहिए इससे आपकी सेहत सही रहेगी।
- नियमित रूप से दवा लेनी चाहिए।