बरसात में सेहत का रखें खास ख्याल, अपनाएंगे ये टिप्स तो होंगे कम बीमार

Update: 2016-07-22 10:57 GMT

सहारनपुर: मानसून का मौसम होने के चलते इन दिनों हो रही बारिश जहां किसानों, बागबानों व गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत बनकर आई है वहीं बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ने की भी आशंकाएं प्रबल हो जाती हैं। बरसात में यदि आप कुछ सावधानी बरतने के साथ ही यह टिप्स अपनाएंगे तो बीमारियों तो कम होंगी ही, साथ आपको अन्य फायदे भी पहुंचेंगे।

शहर के जाने-माने चिकित्सक संजीव मिगलानी ने बरसात के मौसम में बीमारियों और उनसे बचने के सुझाव दिए हैं। डॉ. संजीव मिगलानी के मुताबिक बरसात का पानी स्वास्थ्य पर दो प्रकार से प्रभाव डालता है। कुछ बीमारियां दूषित पानी के पीने और संक्रमण से और कुछ बीमारियां दूषित पानी के जमाव के कारण होती हैं।

दूषित पानी के पीने और स्पर्श से बीमारियां

आंतो और पेट में: हैजा, टायफाइड, हेपेटाइटिस ए(पीलिया), डायरिया, एमीबियेसिस, आंतों की टीबी व डीसैन्ट्री

आंखों में: एलर्जी, आंखों का लाल होना।

नाक में: साइनोसाइटिस इन्फैक्शन होना।

कानों में: कानों के पर्दे का इन्फैक्शन और छेद होना।

दूषित पानी के जमाव से बीमारियां

दूषित पानी के जमाव से मच्छर पैदा होते हैं, जिससे मलेरिया, डेंगू, येलोफीवर जैसे इन्फैक्शन होते हैं।

दूषित पानी से बचाव के उपाय

-यदि दूषित पानी के संपर्क वाले को अपने हाथ डिटोल साबुन से धोने चाहिए।

-बच्चों को रुके हुए पानी में खेलने से मना करना चाहिए।

-अपने बच्चों के हाथ खाना खाने से पहले अच्छी तरह से धुलवा लेने चाहिए।

-नलकूप और टंकी के पानी को तीन से चार बार अच्छी तरह उबालकर पीना चाहिए।

-शरीर के किसी भी जख्म पर दूषित पानी नहीं लगाना चाहिए।

-मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी, आल आउट का इस्तेमाल करना चाहिए।

-रूके हुए पानी के आसपास रहने वालों को पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए।

-घर के आसपास नालियों में पानी का रुकाव नहीं होने देना चाहिए।

-अपने आसपास नालियों में मिट्टी का तेल डाल देना चाहिए जिससे मच्छर उत्पन्न नहीं होते।

 

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