6 साल की बच्ची चढ़ी 16 हजार फीट ऊंचे पहाड़ पर, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

Update: 2016-03-14 11:19 GMT

बागपत: मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। कुछ ऐसे ही हौसले की कहानी बागपत जिले में 6साल की बच्ची ने लिखी है। ये बच्ची है सुर्यसंज्ञनी। इसने वो कर दिखाय, जिसके बारे में बड़े-बड़े लोग सपने में भी सोचने से डरते है। विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा के बेस कैंप जिसकी ऊंचाई 16 हज़ार 300 फीट है को अपने नन्हे कदमों से नापकर बौना साबित कर दिया।

परिवार के साथ गई सबसे ऊंचे शिखर पर

अटल सरकार में कृषि मंत्री रहे सोमपाल शास्त्री की पौत्री और भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य संदीप चौधरी की बेटी सुर्यसंज्ञनी ने इतनी कम उम्र में, माइंस 6 से 15 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 7 मार्च को विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा के बेस कैंप पर तिरंगा फहराया। ऐसा करके उसने विश्व की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनकर इंडिया का नाम भी रोशन किया है। इस यात्रा में उसके पिता और मां मनीषा चौधरी, बहन मनसंज्ञनी (10) और भाई वासंज्ञान (11) भी उसके साथ थे।

इतनी छोटी उम्र में विश्व रिकॉर्ड बनाने में उसकी मेहनत और लगन भी छिपी है। सुर्यसंज्ञनी और उसके भाई बहनों को योग, आयुर्वेद, प्राणायाम, रस्सी के सहारे चढ़ने की ट्रेनिंग उनके पिता ने दी है। इससे बच्चों को कम ऑक्सीजन और बर्फीले वातावरण में पहाड़ों पर चढ़ाई के समय ज्यादा कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा। विश्व कीर्तिमान स्थापित करने पर उनके परिवार में खुशी की लहर है। उनके गृह जिले में परिवार सहित आस-पास के लोग स्वागत की तैयारी में लगे है।

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