MP इलेक्शन: उम्मीदवारों के पीछे हैं स्मार्ट जासूस, जानिए क्या है इनका काम
भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव इस बार सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के लिए कांटे के चुनाव बन गए हैं। दोनों ही दल बगावत से जूझ रहे हैं। दोनों ही दल अपने जयचंदों पर लगाम कसने की जुगत भिड़ा रहे हैं। इसके साथ ही विरोधी दलों पर हावी होने के लिए नए हथकंडे प्रयोग में लाए जा रहे हैं हैं। इसमें उनका साथ दे रही है नई तकनीक।
क्या नया है इस बार के चुनाव में
बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने एक ग्रुप बनाया है। ये ग्रुप विरोधियों की कमजोर नस अपने लीडर तक पहुंच रहे हैं। इस ग्रुप के सदस्य राज्य से लेकर बूथ तक काम कर रहे हैं। सभी सदस्यों को एचडी स्मार्ट फोन दिए गए हैं। जिनका प्रयोग ग्रुप के सदस्य अपने उम्मीदवार या फिर विरोधी दल के उम्मीदवारों की पब्लिक मीटिंग, रैली और रोड शो में करते हैं।
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क्या करते हैं ग्रुप के सदस्य
इस ग्रुप के सदस्य अपने और दूसरे उम्मीदवारों की रैली औए जनसभा में उनके संबोधन को कैमरे में रिकार्ड करते हैं। जैसे ही कोई विवादित बयान या कटाक्ष उन्हें सुनाई देता है, उसका वीडियो बना अपने इंचार्ज को भेज देते हैं। इस वीडियो को इंचार्ज अपने इंचार्ज को भेज रहा है। इसके बाद प्रवक्ता से लेकर बड़े नेता इसको मुद्दा बना विरोधी खेमे पर धावा बोल रहे हैं।
अपनों की भी निगरानी
इस ग्रुप के लोग अपने उम्मीदवारों की रैली और जनसभा के भी वीडियो बना रहे हैं। इसके जरिए ये उम्मीदवारों के बोल बचन और नेताओं नजर रखते हैं। ताकि कहीं से कोई मुद्दा विरोधियों के हाथ न लग जाए। इस ग्रुप्स के सदस्य हर रैली और सभा की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ कर के अपने इंचार्ज को देते हैं। इसका फायदा ये है कि इंचार्ज एक साथ कई उम्मीदवारों के प्रदर्शन का डेटा एकत्र कर लेते हैं। इसके बाद ये वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ सोशल साइट्स पर अपलोड किए जाते हैं।
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अपनों में खोजे जा रहे पराए
जो वीडियोज और फोटोग्राफ मिलते हैं। उनमें से अपने और पराए खोजे जा रहे हैं। इसके साथ ही नेताओं की बॉडी लेंग्वेज देख कर अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो कहीं अंदर से कोई खेल तो नहीं कर रहे।
मोटी सेलरी मिलती है इन मेंबर को
बीजेपी हो या कांग्रेस अपने इस तरह के ग्रुप्स पर काफी बड़ी रकम खर्च कर रही। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस ने कई करोड़ का बजट पास किया है। इससे इनकी सेलरी और रोज के खर्चे निपटाए जाते हैं।