दर्दनाक तस्वीरें: देख हर किसी के आँखों से निकला पानी, दिल दहला देने वाली घटना

अमायरा छाती से लेकर पैर तक अपने ही घर के कंक्रीट और मलबे के नीचे दब गई थी जब वहां बचाव करने पहुंचे तो वह जिंदा थी। उसके बाद यह तय किया गया कि उसका पैर काट कर उसे बाहर निकाला जाए । ऑपरेशन 60 घंटे तक चला और इस दौरान अमायरा लोगों से बात करती रही और मरती रही। जैसे-जैसे समय बीतता गया उसका शरीर जलने लगा चेहरे पर सूजन आ गई अंत में तड़पते हुए उसने दुनिया को छोड़ दिया।

Update: 2020-12-29 12:48 GMT

देश हो या दुनियां तबाही हर जगह आती है कभी प्राकृतिक आपदा तो कभी सीमाओं का विवाद से होने वाली तबाही। ऐसे में लोगों को उनके देश और उनके अपने घर से बेघर होना पड़ता है। दुनिया की कुछ ऐसी तस्वीरें है जिसे देखने के बाद आपका दिल दहल जाएगा यह तस्वीरें आपको एक ऐसी सच्चाई बयां जो दिल दहला देने वाली होगी। दुनियां की यह कुछ ऐसी तस्वीरें हैं जिन्हें मार्मिकता के पैमाने पर सबसे प्रभावी रही है। चलिए आपको बताते हैं यह चुनिंदा तस्वीरों के बारे मे।

बाप-बेटी की लाश गले लगे हुए मिली

अमेरिका के मेक्सिको के मध्य फंसे रिफ्यूजी के बारे में बताती है। रियो ग्रांडे नदी के किनारे उत्तरी अमेरिका की सीमा से लगी एक बाप और बेटी की लाश मिली। इस तस्वीर में 2 साल की बच्चे अपने पिता की टीशर्ट के भीतर सिर को अंदर घुस आए थी तस्वीर देखकर यह मालूम चलता है कि दोनों बाप बेटी एक दूसरे से गले लगे हुए थे।

द बॉय ऑन द बीच लिखी गई किताब

एक सीरियाई बच्चे का शव तुर्की के समुद्र तट पर बहता हुआ पहुंच गया था। इस दृश्य को देखते हुए इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है । सीरिया में चल रहे गृह युद्ध का कितना भयानक चेहरा सामने आया। इस बच्चे का नाम एलन कुर्दी था । सीरिया में चल रही का चेहरा बना यह फोटो दिल दहला देने वाला था । यह बच्चा उन करोड़ों लोगों में से एक था जो सीरिया के भयानक गृह युद्ध से जान बचाकर अपने देश छोड़कर भाग रहा पूरा परिवार और उसके साथ अन्य 12 लोग इसी युद्ध से निकलकर यूरोप जा रहा था। अचानक समुंद्र में नाव पलट गई और लहरों का भाव इतना तेज था कि कोई नहीं बचा और उनकी लाश से किनारे तक पहुंच गए । इस वाक्य को बाद में द बॉय ऑन द बीच नाम की किताब लिखी गई ।

तड़पते हुए उसने दुनिया को छोड़ दिया

ज्वालामुखी से आई तबाही मैं कोलंबिया में नेवाडो डेल रुइज के आर्मेरियो शहर में अमायरा सांचेज फस गई थी । इसकी उम्र महज 13 साल की थी। इस शहर में फटे ज्वालामुखी से आई तबाही में फस गई थी। अमायरा छाती से लेकर पैर तक अपने ही घर के कंक्रीट और मलबे के नीचे दब गई थी जब वहां बचाव करने पहुंचे तो वह जिंदा थी। उसके बाद यह तय किया गया कि उसका पैर काट कर उसे बाहर निकाला जाए । ऑपरेशन 60 घंटे तक चला और इस दौरान अमायरा लोगों से बात करती रही और मरती रही। जैसे-जैसे समय बीतता गया उसका शरीर जलने लगा चेहरे पर सूजन आ गई अंत में तड़पते हुए उसने दुनिया को छोड़ दिया।

कुपोषण की शिकार एक बच्चे के पीछे गिद्ध बैठा मिला

यह तस्वीर स्पीचलेस इस तस्वीर को खींचने वाला फोटोग्राफर ने आत्महत्या कर ली। 26 मार्च 1993 में न्यूयॉर्क टाइम्स में छपने के बाद इस तस्वीर को अवार्ड मिला। केविन कार्टर नाम के फोटो फोटोग्राफर ने इस तस्वीर को लिया था। यह तस्वीर में भुखमरी के शिकार सूडान में चल रहे विद्रोह आंदोलन के समय की है इस तस्वीर में कुपोषण की शिकार एक बच्चे के पीछे गिद्ध बैठा हुआ था।

बच्चे की आंखें बंद नहीं हुई थी

इन तस्वीरों में एक तस्वीर भारत की भी है जो पीड़ित हुई थी। भोपाल में शादी के वक्त एक बच्चे को शमशान में दफनाया जा रहा था । इस तस्वीर में बच्चे की आंखें बंद नहीं हुई थी और उसी वक्त रघु राय ने यह तस्वीर खींच ली थी। यह तस्वीर आज भी रोंगटे खड़े कर देती है ।

 

 

कैदी ने संभाला बच्चा

इराक में चल रहे गतिरोध अप के समय की यह तस्वीर है । इस तस्वीर में एक इराकी कैदी अपने बेटे को बेड़ियां लगी हाथों से संभालने की कोशिश कर रहा है ।

मां अपने भूख से मरे हुए बच्चे को किया धुप के हवाले

यह तस्वीर सोमालिया की है। एक मां अपने भूख से मरे हुए बच्चे को आसमान में कड़ी धूप में सुलाने आई थी यही हालत अब सूडान में भी है। ऐसी खबरें और तस्वीरें आपको सोशल मीडिया और अखबारों में बहुत देखने को मिलेंगी।

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