HEALTH TIPS: ऐसे करेंगे पहचान तो थायराइड कैंसर से बच जाएगी आपकी जान

Update: 2017-09-24 02:38 GMT

जयपुर: आजकल गंभीर बीमारी के रुप में कैंसर उभरा है। जीवनशैली और खानपान में बदलाव की वजह से कैंसर लोगों को ज्यादा हो रहा है। इसमें भी कई तरह के कैंसर है। थायराइड कैंसर यानी थायराइड की कोशिकाओं में होने वाला कैंसर है। यदि इस कैंसर की सही समय पर पहचान करके इलाज कराया जाए, तो यह आसानी से ठीक हो सकता है। थायराइड कैंसर की शुरुआत में ही पहचान होने पर इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है। लोगों में अभी इसके प्रति जागरूकता कम है। आमतौर पर थायराइड कैंसर के शुरूआत में कोई खास लक्षण नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे यह रोग बढ़ता थाइराइड कैंसर के लक्षण सामने आते हैं।

यहां हजारों लोग थायराइड कैंसर से पीड़त हैं। यह एक घातक बीमारी है, हालांकि कैंसर के अन्य प्रकार की तुलना में यह कम घातक है। थायराइड कैंसर के लक्षणों को समय रहते पहचान लिया तो इससे बचा जा सकता है। इसके सामान्य लक्षणों में गर्दन में गांठ, गले में दर्द, गर्दन की नसों में सूजन और लगातार कफ आना शामिल हैं। थायराइड कैंसर के उपचार के लिए रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी फायदेमंद साबित हुई है।

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रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी अनुवांशिक रक्त जांच सेपता लगाया जा सकता है, जिन्हें एमटीसी होने की आशंका अधिक होती है। जब परिवार के किसी एक सदस्य का एमटीसी होता है, तो सभी सदस्यों की जांच की जानी चाहिए। जिन लोगों की जांच के परिणाम सकारात्मक आएं, लेकिन उनमें थायराइड कैंसर का कोई लक्षण नजर न आए, तो वे बीमारी से बचने के लिए थायराइड निकलवाने का रास्ता अपना सकते हैं। सर्जरी के बाद इन मरीजों को अपने पूरे जीवन थायराइड हॉर्मोंस लेने की जरूरत पड़ सकती है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार 40 वर्ष की उम्र के बाद आपको प्रतिवर्ष अपने थायराइड की जांच करनी चाहिए। वो लोग जिनकी उम्र 20 से 39 साल के है, उन्हें हर 3 साल पर थायराइड की जांच करनी चाहिए।

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इसकी पहचान के लिए 'एफएनएसी' जांच होती है, यह कैंसर की आसान जांच है। थायराइड कैंसर में रोगी के जीवित बचने की संभावना अन्य कैंसर के मुकाबले काफी बेहतर होती हैं। थायराइड कैंसर के रोगी को अपनी गर्दन की त्वचा में एक ढेर जैसा महसूस होता है। रोगी की आवाज में कर्कशता के साथ बदलाव हो सकता है। खाने की चीजों को निगलने में परेशानी होने पर थायराइड कैंसर हो सकता है। गले और गर्दन में लगातार दर्द रहना। लिम्फ नोड्स में सूजन आना।

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