यूपी चुनाव में इन महिला प्रत्याशियों पर हैं सबकी नजरें, जानिए किसका दबदबा, किसे मिली है विरासत
लखनऊ: यूपी के विधानसभा चुनाव में कम से कम चार महिला प्रत्याशियों पर पूरे राज्य की नजर रहेगी जो अलग-अलग कारणों से चर्चा में हैं या रही हैं । ये महिला प्रत्याशी अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढाने के लिए चुनाव मैदान में आई हैं । इनमें ग्लैमर का तड़का भी लगेगा। बीजेपी ने अपने 371 प्रत्याशियों की सूची जारी की है, जिसमें कैराना से मृगांका सिंह प्रत्याशी बनाई गई हैं । मृगांका बीजेपी के धाकड़ नेता हुकुम सिंह की बेटी है। कैराना हुकुम सिंह की परम्परागत सीट रही है। हुकुम सिंह इसी सीट से विधानसभा का चुनाव जीतते रहे हैं। अब सांसद बनने के बाद बीजेपी ने उनकी बेटी को चुनाव मैदान में उतारा है। मृगांका कहती हैं मेरे पिता ने पूरे इलाके में काफी काम किया है ।
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बीेजेपी की ओर से स्वाति सिंह को बलिया की किसी सीट से चुनाव मैदान में उतारने की चर्चा है । लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर पिछले साल उस वक्त चर्चा में आईं, जब उनके पति दयाशंकर सिंह को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ अपशब्द कहने के कारण गिरफ्तार किया गया । यही नहीं बीजेपी ने दयाशंकर सिंह को पार्टी से भी बाहर कर दिया, लेकिन बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से दयाशंकर के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी के खिलाफ स्वाति मैदान में उतर गईं। उन्होंने बसपा नेता नसीमुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। स्वाति को पूरे राज्य में अपार समर्थन मिला और बीजेपी ने इस पूरे मामले को लपक लिया। बीजेपी ने उन्हें राज्य महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया। स्वाति अपने काम में लग गईं और पूरे राज्य में महिलाओं को बीजेपी के पक्ष में करने के लिए लगातार अभियान चला रही है। उनके राजनीति में आने को राजपूत स्मिता से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। जब बसपा के नेता और कार्यकर्ता स्वाति के परिवार पर अपशब्दों की बौछार कर रहे थे, तब पूरे राज्य के राजपूत उनके पक्ष में लामबंद हो गए थे ।
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सपा के संस्थापक और अब संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहु अपर्णा यादव लखनऊ कैंट सीट से पार्टी की उम्मीदवार हैं। उनके नाम का ऐलान बहुत पहले ही कर दिया गया था, लेकिन अब पार्टी पर अखिलेश यादव का कब्जा हो गया तो ऐसा लगने लगा कि उनका टिकट कट सकता है, लेकिन मुलायम सिंह ने अखिलेश को प्रत्याशियों की जो सूची सौंपी उसमें भी अपर्णा का नाम था। बाद में अखिलेश ने कैंट सीट से उनके नाम का ऐलान किया। पीएम नरेंद्र मोदी की जबरदस्त समर्थक अपर्णा का मुकाबला बीजेपी की रीता बहुगुणा से होगा। यूपी के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री रीता बहुगुणा को राजनीति विरासत में मिली है । वो हाल ही में बीजेपी में शामिल हुई हैं । चूंकि पिछले चुनाव में वो इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी को हरा कर सीट जीती थी, इसलिए पार्टी ने उन्हें इस सीट से मैदान में उतार दिया है । वो अपने इलाके में शुरू से सक्रिय रही हैं। घर-घर में उनकी पहचान है।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की रायबरेली सदर सीट से अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर प्रचार कर रही हैं। हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर सपा के साथ फंसे पेंच के कारण कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली की किसी सीट से अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है । लेकिन अदिति का प्रचार अभियान जारी है । अदिति के पिता जब कांग्रेस में थे तब भी इसी सीट से विधानसभा में पहुंचते थे ओर अब विरासत में ये सीट उन्होंने अपनी बेटी को दी है । अखिलेश इस सीट से 5 बार विधानसभा में पहुंचे हैं । अब उनकी जगह जींस पहने और आंखों पर महंगा चश्मा लगाए, विदेश में पली उनकी बेटी सडंकों और गलियों की खाक छान रही हैं ।
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अखिलेश सिंह की पहचान बाहुबली नेता के तौर पर रही है । लेकिन पिता की ये छवि अदिति के प्रचार में आड़े नहीं आ रही । पिता के बाहुबली होने के सवाल पर अदिति कहती हैं । आप बाहुबली हों या कोई और बलि आपका काम बोलता है । उनका कहना है कि मतदाता काम देखते हैं और ये भी देखते हैं कि आप लोगों की कितनी मदद करते हैं। मेरे पिता का इलाके में काफी सम्मान है । वो हमेशा लोगों की मदद में आगे रहे हैं। सीटों के बंटवारे में कांग्रेस को ये सीट नहीं मिलने के सवाल पर अदिति कहती हैं वो निर्दलीय भी इस सीट को जीत सकती हैं, क्योंकि लोगों का जबरदस्त समर्थन उन्हें मिल रहा है । अदिति पिछले साल ही कांग्रेस में शामिल हुई हैं ।चुनाव में इनके नतीजे जो भी हों, लेकिन इस सीटों पर पूरे राज्य की नजर रहेगी। मुकाबला भी दिलचस्प होगा ।