VIDEO: आग में तपकर तैयार होती हैं UP पुलिस की लाठियां, पड़ते ही आती है नानी याद

Update: 2016-09-25 07:39 GMT
up police sticks hardened by fire are ready in muzaffarnagar

मुज़फ्फरनगर: आपने पुलिस के डंडे या फिर लोगों के हाथो में लाठियां जरूर देखी होंगी लेकिन क्या आपको पता है ये लाठियां कैसे बनाई जाती है। जी हां... आग में तपा कर लोहे या सोने को पिघला कर आभूषण या आम जिंदगी में प्रयोग किए जाने वाले सामान तो तैयार किए जाते है, लेकिन आज हम आपको लाठी बनाने के कारखाने के बारे में बताने जा रहे है जिसे आपने पहले कभी नहीं देखा होगा।

यूपी के मुज़फ्फरनगर में कई परिवार ऐसे है जो सालों से लाठियां बनाते आ रहे है, लेकिन इस कारोबार को करने वाले व्यापारी आज मंदी की मार झेल रहे है। सरकार की ओर से ना ही तो इस लघु उद्योग को कई सब्सिडी दी जा रही है और ना ही कोई प्रोत्साहन।

आगे की स्लाइड में पढ़ें कैसे बनती हैं लाठियां...

रोजी रोटी के लिए करते हैं ये काम

मुज़फ्फरनगर में आग की भट्टियों में बांस को तपा कर लाठिया और बेंत तैयार किए जाते हैं। ये कलाकारी मुज़फ्फरनगर के कई परिवार अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए करते है। दिन रात की कड़ी मेहनत के बाद दो जून की रोटी कमाने पर मजबूर है। मुजफरनगर के मोहल्ला गऊशाला रोड पर कई जगह आप को लाठियां बनाने के कारखाने मिल जाएंगे।

मंगाए जाते हैं बिहार से बांस

इसे बनाने के लिए बिहार और आसाम से बांस मंगाए जाते है। कारखाने में कारीगरों द्वारा इन बांसो को साफ़ कर आग में तपाया जाता है फिर इन पर रंग रोगन कर इन्हें खूबसूरत बनया जाता है। ताकि बाज़ार में इन्हें आसानी से बेचा जा सके, लेकिन मौजूदा समय में बांस कारोबारियों के हालात बद से बत्तर हो चुके हैं।

क्या कहते हैं व्यापरी?

वो पिछले 30 सालों से इस लघु उद्योग को चला रहे है लेकिन आजतक किसी भी सरकार ने ना ही तो इस कारोबार पर सब्सिडी दी है और ना ही कोई प्रोत्साहन राशि ही दी है।

 

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