पहले तो एयरलाइन कंपनियां करती हैं ओवरबुक, फिर सीट छोड़ने के लिए देती हैं 8 लाख, जानिए क्यों?
अमेरिकी एयरलाइन कंपनी ने कथित तौर पर कुछ यात्रियों को एक फ्लाइट में सफर नहीं करने के लिए करीब 8 -लाख रुपए की पेशकश की। जानें इस स्टोरी में आखिर क्यों ऐसा किया गया?
आपने एयरलाइंस कंपनियों (Airlines Companies) के ढेरों आकर्षक विज्ञापन देखे होंगे, जिसका इस्तेमाल वह यात्रियों को लुभाने के लिए करते हैं। ताकि, अधिक से अधिक लोग उनके विमान से सफर करें। इसके पीछे का गणित आसान है। यात्रियों की संख्या बढ़ेगी तो एयरलाइन का मुनाफा बढ़ेगा। लेकिन, आप ने शायद ही किसी एयरलाइन कंपनी की ऐसी घोषणा सुनी होगी, जिसमें वह यात्रियों को बुक किए गए सीट को छोड़ने के लिए लाखों रुपए का ऑफर देती है।
जी हां, ये हकीकत है। एक अमेरिकी एयरलाइन कंपनी (American Airline Company) ने कुछ यात्रियों को सीट छोड़ने के बदले 8-8 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेल्टा एयरलाइंस (Delta Airlines) की फ्लाइट ग्रैंड रैपिड्स (मिशीगन) से मिनियापोलिस, मिनेसोटा जा रही थी। इसी दौरान एयरलाइंस के कर्मी ने विमान ओवरबुक (overbook) होने की जानकारी दी। एयरलाइंस कर्मी ने कहा कि, 'जो भी यात्री अभी जाने वाली फ्लाइट में यात्रा नहीं करेंगे, उनको इसके बदले दूसरे विमान से भेजा जाएगा। इन यात्रियों को 8 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर भी दिए जाएंगे। उस प्लेन में सफर कर रहे एक यात्री ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी।
2017 में भी आया था ऐसा मामला
एक अमेरिकी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि एयरलाइन कंपनी ने अंत में यात्रियों को कितने पैसे मुआवजे के तौर पर दिए। बताया जा रहा है कि ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 2017 में एक ब्रिटिश फैमिली को डेल्टा एयरलाइंस ने साढ़े 8 लाख रुपए दिए थे।
क्षमता से अधिक सीट बुक क्यों करती हैं कंपनियां
अमेरिका में ऑपरेट कर रही कई एयरलाइन कंपनियों में तय क्षमता से अधिक सीटें (ओवरबुक) बुक करने की एक पॉलिसी है। ऐसा माना जाता है कि 5 फीसदी यात्री बुकिंग के बाद भी यात्रा के लिए नहीं आते हैं। मगर, जब बुकिंग करने वाले सभी यात्री पहुंच जाते हैं तब समस्या खड़ी हो जाती है। अमेरिका में इसे लेकर सख्त कानून भी है। यदि कोई यात्री ओवरबुक के कारण अपनी सीट छोड़ता है तो उसे कानूनी तौर पर मुआवजा मिलता है। यदि विमान अपने डेस्टिनेशन पर तय समय से 1 घंटे लेट पहुंचता है, तब भी यात्रियों को मुआवजा दिया जाता है।