शाहजहांपुर/लखीमपुर खीरीः मैलानी रेंज में पांच लोगों की जान लेने वाला बाघ बुधवार को आखिर वन विभाग के पिंजरे में कैद कर लिया गया। पहले उसे बाघिन बताया जा रहा था। बुधवार दोपहर को उसे बेहोश किया जा सका। इससे पहले बाघ को मारने के आदेश जारी हो गए थे। बाघ को अब लखनऊ चिड़ियाघर में ही रखा जाएगा। उसे अब उम्रकैद काटनी होगी।
मंगलवार को किसान की ली थी जान
बता दें कि मैलानी के खरेहटा बीट के छेदीपुर गांव और आसपास में ये बाघ सक्रिय था। उसने 17 से 30 अगस्त के बीच एक किशोरी समेत 5 लोगों की जान ले ली थी। मंगलवार को भी कठिना पुल के पास भरिगवां गांव के 60 साल के बुजुर्ग जानकी प्रसाद को भी इसी बाघ ने मार दिया था। वन विभाग ने इसे आदमखोर घोषित कर मारने की तैयारी कर ली थी, लेकिन बाघ की किस्मत अच्छी थी कि वह मारे जाने से बचकर पिंजरे में कैद हो गया। लखनऊ चिड़ियाघर में उसे उम्रकैद की सजा भुगतने के लिए भेज दिया गया है।
बाघ का दांत है टूटा हुआ
बताया जा रहा है कि बाघ का ऊपरी केनाइन दांत टूटा हुआ है। शायद इसी वजह से वह शिकार नहीं कर पा रहा था और इंसानों को मारकर खाने लगा था। वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक बाघ जब बीमार हो जाता है, उसके दांत या नाखून नहीं होते तो भूख मिटाने के लिए वह इंसानी बस्तियों की तरफ आता है और मानवों पर हमला करता है। हालांकि मैलानी के आदमखोर बताए जाने वाले बाघ ने दो पड़वों का भी शिकार किया था। इसी वजह से उसे आदमखोर घोषित करने में वन विभाग को वक्त लगा।