GST से बढ़ेगा रसोई का खर्च, जानिए कौन से सामान होंगे सस्ते और कौन से महंगे

Update:2016-10-21 16:55 IST

नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानि जीएसटी में करों के चार स्तरीय ढांचे से आम आदमी को झटका लग सकता है। रसोई में इस्तेमाल होने वाले खाद्य तेलों, मसालों जैसी आम वस्तुओं पर कर के उंचे स्लैब लगने से आम आदमी की जेब अब ज्यादा ढीली हो सकती है। हालांकि कई इलेक्ट्रॉनिक उपभोक्ता उत्पाद अप्रत्यक्ष कर घटने से सस्ते हो सकते हैं।

एफएमसीजी पर लगेगा सबसे ऊंचा स्लैब

मोदी सरकार जीएसटी का नया ढांचा 1 अप्रैल 2017 से लाने की तैयारी में जुटी है। वित्त मंत्रालय की ओर से कर की चार दरों के प्रस्ताव दिए गए हैं। इसके तहत 6, 12, 18 और 26 फीसदी के स्लैब होंगे। सबसे ऊंचा स्लैब 26 फीसदी है जो ज्यादातर फास्ट मूविंग कंज्युमर्स गुड्स (एफएमसीजी) और उपभोक्ता वस्तुओं पर लागू हो सकता है। इसके अलावा एरिएटेड ड्रिंक्स, तंबाकू जैसी वस्तुओं के दोषों के आधार पर अलग से सेस यानि उपकर लगाने की भी तैयारी है।

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रसोई सीधे तौर पर होगा प्रभावित

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानि सीपीआई पर 4 स्तरीय कर ढांचे के असर को लेकर केंद्र के अनुमानों के मुताबिक नारियल का तेल, मसाला आदि महंगे होंगे। अभी तक इन पर 4 फीसदी कर लगता है, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद 6 फीसदी कर लगेगा। इसी तरह रिफाइन्ड तेल, सरसों के तेल और मूंगफली के तेल पर भी 5 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी तक कर लागू हो जाएगा। वहीं हल्दी, जीरा पर अभी तक 3 फीसदी कर लगता है जो बढ़कर 6 फीसदी हो जाएगा। वहीं धनिया, काली मिर्च और ऑयल सीड्स पर भी कर 5 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी हो जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक सामान होंगे सस्ते

वहीं दूसरी तरफ टीवी, वाशिंग मशीन, एसी, इन्वर्टर,पंखे, फ्रिज और कुकिंग एप्लायन्सेस सस्ते होंगे। हां, यहां को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। अभी तक इन सामानों पर 29 फीसदी कर लगता है। जो जीएसटी की वजह से घटकर 26 फीसदी हो जाएगा।

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सौंदर्य के सामान भी होंगे सस्ते

जीएसटी की दरें लगने के बाद परफ्यूम, शेविंग क्रीम, पाउडर, बालों का तेल, शैम्पू, साबुन सहित अन्य सौंदर्य सामान भी सस्ते होंगे। इन सामानों पर अभी 29 फीसदी कर लगता है जो घटकर 26 फीसदी हो जाएगा।

ये सामान हो सकते हैं महंगे

गैस स्टोव, गैस बर्नर, मॉस्किटो रिपेलेंट और कीटनाशक महंगे हो सकते हैं। इन पर अभी 25 फीसदी टैक्स लगता है जो बढ़कर 26 फीसदी हो जाएगा। जीएसटी लागू होने पर अभी तक जिन वस्तुओं पर 3 से 9 फीसदी तक टैक्स लगता है, उन पर 6 फीसदी की दर लागू होगी। इसी तरह जिन सामानों पर अभी 9 से 15 फीसदी टैक्स देना पड़ता है, नई व्यवस्था में उन पर 12 फीसदी वाला स्लैब लगेगा। वहीं जिन चीजों पर अभी 15 से 21 फीसदी टैक्स लगता है, उन पर 18 फीसदी वाला स्लैब लागू होगा। जिन वस्तुओं पर अभी 21 प्रतिशत से ज्यादा टैक्स लगता है उन सभी पर 26 फीसदी वाली दर लगेगी।

वित्त मंत्री- नहीं बढेगा कर का बोझ

जीएसटी काउंसिल, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं, अगले महीने करों की दरों पर फैसला करेगी। अरुण जेटली का कहना है कि 'चार स्तरीय कर ढांचा इस तरह डिजाइन किया गया है कि इससे ना तो राजस्व का नुकसान होगा और ना ही करों से आम आदमी की जेब पर ज्यादा बोझ पडेगा।'

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