बैंकों में जमा हुए इतने नोट कि बन जाएगा कालेधन का 300 गुना ऊंचा माउंट एवरेस्ट

Update:2016-11-24 15:53 IST

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने जब नोटबंदी का फैसला लिया और एक ही झटके में 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद कर दिए तब शायद ही उन्होंने ये सोचा होगा कि इन रुपयों का इस्तेमाल एक बेहद जरूरी काम के लिए किया जा सकता है। वो काम है बिजली बनाना।

माउंट एवरेस्ट से 300 गुना ऊंचा ढेर बन जाएगा

चीन की तरह भारत भी नोटबंदी के बाद बस कागज का टुकड़ा रह गए नोटों का उपयोग बिजली उत्पादन में कर सकता है। 'ब्लूमबर्ग' की खबर के मुताबिक, 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद करने से देश में 2,300 करोड़ नोट रद्दी बन गए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि अगर इन नोटों को एक साथ लाया जाए, तो यह माउंट एवरेस्ट से 300 गुना ऊंचा ढेर बन जाएगा। गौरतलब है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर है।

..तो ऐसे बनेगी बिजली

एक अंग्रेजी अखबार की खबर की मानें तो अनुमान है कि सरकार पुराने नोटों के लिए चीन का तरीका इस्तेमाल में ला सकती है। दरअसल, सेंट्रल चीन स्थित एक कंपनी ने साल 2014 में पहली बार बेकार नोट जलाकर बिजली पैदा की थी। उस समय चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया था, 'एक टन नोट के कागज से 660 किलोवाट प्रतिघंटा के हिसाब से बिजली बनाई जा सकती है। इससे कोयले की तुलना में प्रदूषण भी कम होता है।'

चीन ने बेकार करेंसी से बिजली बनाई

चीन के हेनान प्रांत स्थित लुओयांग शहर में इसका प्रोजेक्ट लगाया गया था। शिन्हुआ की रिपोर्ट में बताया गया था, कि हेनान के वर्तमान रद्दी पेपर मनी का हिसाब लगाया जाए तो इससे कंपनी हर साल 1.32 मिलियन किलोवाट बिजली पैदा कर सकती है। इतनी बिजली बनाने के लिए 4,000 टन कोयला जलाना होगा।' चीन में नवंबर 2015 में 100 युआन का नया नोट लाया गया था, जिसके बाद सरकार ने वहां बेकार करेंसी के जरिए बिजली बनाने का काम बड़े स्तर पर किया था।

जानिए आरबीआई का क्या है प्लान

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर पुराने नोटों का इस्तेमाल गड्ढे भरने के लिए किया जाएगा। उसके लिए नोटों की एक ईंट बनाई जाएगी। उसका एक अलग तरीका है। इसके अलावा कुछ नोटों का औद्योगिक इस्तेमाल भी किया जाएगा। वहीं कुछ का पेपर वेट बनाया जाएगा। अन्य को फर्नीचर बनाने में काम में लाया जाएगा।

भारत में इतने ज्यादा नोट होने का कारण यह भी है कि 98 प्रतिशत लोग लेन-देन कैश में करते हैं। आकड़ों के मुताबिक, कुल नोट में 500 और 1000 रुपए के नोट का प्रतिशत 75 प्रतिशत था। भारत में ज्यादातर देशों के मुकाबले काफी ज्यादा नोट छापे जाते हैं।

Tags:    

Similar News