नाबालिग को थर्ड डिग्री देने का मामला: चौकी इंचार्ज समेत 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड

राजधानी में नाबालिग को चोरी के आरोप में थर्ड डिग्री दिए जाने के मामले में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में चौकी इंचार्ज समेत 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

Update:2019-06-29 20:44 IST
थर्ड डिग्री

लखनऊ: राजधानी में नाबालिग को चोरी के आरोप में थर्ड डिग्री दिए जाने के मामले में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में चौकी इंचार्ज समेत 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

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सर्कल ऑफिसर की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई

वहीं सीओ कैंट कार्यालय में तैनात मुंशी राजेन्द्र पटेल को मामले को गंभीरता से न लेने पर नोटिस जारी किया गया है। जिन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया है, उसमें तेलीबाग़ चौकी इंचार्ज, रजनीश वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल दिनेश त्रिपाठी और संदीप सिंह शामिल है। उक्त कार्रवाई सर्कल ऑफिसर तनु उपाध्याय की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।

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ये है पूरा मामला

पुलिस ने एक 14 वर्षीय लड़के को उठा लिया और नाबालिग द्वारा ई-रिक्शा चुराने का आरोप स्वीकार नहीं करने पर उसे थर्ड डिग्री टार्चर दिया। मामला संज्ञान में आने पर एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने सर्कल ऑफिसर तनु उपाध्याय से पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था।

रिपोर्टस के मुताबिक, अमरेश गौतम का ई-रिक्शा चोरी होने के बाद लड़के मनीष को तेलीबाग पुलिस ने पकड़ लिया था। मनीष कभी-कभार अपनी जरूरते पूरी करने के लिए रिक्शा चलाता था। उसके पिता एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं।

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जूते से की गई बर्बरता

अमरेश गौतम द्वारा उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद गुरुवार को मनीष को तेलीबाग चौकी ले जाया गया। उसे पीटा गया और पुलिस ने उसे यातना दी और चोरी स्वीकार करने के लिए कहा। पुलिस ने उसके पैरों को जूते से कुचला।

मनीष के परिवार ने तब एक सामाजिक कार्यकर्ता से संपर्क किया, जो शुक्रवार रात माता-पिता और पीड़ित को एसएसपी से मिलाने के लिए ले गया। लड़के की चिकित्सकीय जांच में पैरों पर सूजन और चोटों की पुष्टि हुई है।

पीड़ित की मां ने पुलिसिया कार्रवाई पर जताया असंतोष

वहीं इस मामले में पीड़ित की मां ने पुलिसिया कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर देने से उनके बेटे की चोटें सही नहीं हो जाएगी। बल्कि उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही है।

 

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