लखनऊ: लोकभवन के सामने एक ही परिवार के 5 लोगों ने किया आत्मदाह का प्रयास

हरदोई के एक परिवार ने आज लोकभवन के सामने आत्मदाह की कोशिश की, हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों की तत्परता ने इस बड़ी घटना को होने से बचा लिया गया। आत्मदाह की कोशिश करने वालों में पांच लोग शामिल हैं।

Update:2021-02-05 12:11 IST
लखनऊ: लोकभवन के सामने एक ही परिवार के 4 लोगों ने किया आत्मदाह का प्रयास

लखनऊ: हरदोई के एक परिवार ने आज लखनऊ में लोकभवन के सामने आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों की तत्परता ने इस बड़ी घटना को होने से बचा लिया गया। आत्मदाह की कोशिश करने वालों में एक ही परिवार के 5 लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि आत्मदाह का प्रयास करने वाले इस पीड़ित परिवार का हरदोई में एक मकान है, जिस पर विवाद चल रहा है।

परिवार ने इसलिए की आत्मदाह की कोशिश

दबंगो के दबाव के चलते यह परिवार कई बार स्थानीय प्रशासन से अपनी गुहार लगा चुका है। पुलिस कार्यालय में कई चक्कर लगाने के बाद भी जब इस परिवार को न्याय नहीं मिला तो फिर उसने हताश होकर यह खौफनाक कदम उठाया है। हजरतगंज पुलिस पीड़ित परिवार से पूछताछ कर रही है। इसके पहले भी लोकभवन के सामने इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।

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अभी एक फरवरी को भी इस तरह की एक घटना हो चुकी है। विधानभवन के सामने एक पीड़ित व्यक्ति ने न्याय की गुहार लगाते हुए आत्मदाह का प्रयास किया था, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों की सूझबूझ से आग से झुलसे व्यक्ति को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसका इलाज चल रहा है।

बताया जा रहा है कि आत्मदाह की कोशिश करने वाले व्यक्ति का नाम उमाशंकर है जिसकी जमीन का विवाद चल रहा है, लेकिन ग्राम प्रधान और लेखपाल की मिलीभगत से उसको जमीन नहीं मिल पा रही है। इसके लिए उसने सरकारी दफ्तरों में कई चक्कर लगाए पर उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। इसी से हताश होकर वह बस से लखनऊ पहुंचा और विधानसभा के गेट नम्बर दो के सामने खुद को आग लगा ली। इस दौरान उसका 40 प्रतिशत हिस्सा जल गया।

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पुलिसकर्मियों ने रोका

यह तो पुलिस की तत्परता रही कि आनन फानन में उसे पूरी तरह से आग से जलने से बचा लिया गया। इसके बाद उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले भी कई लोग विधानसभा के सामने आत्मदाह की कोशिश कर चुके हैं। स्थानीय थानों पर पीड़ितों को न्याय ना मिलने से आए दिन हो रही घटनाओं से सरकार के ऊपर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

रिपोर्ट: श्रीधर अग्निहोत्री

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