2018 में चुने गए 678 विधायकों में महिलाएं सिर्फ 62
भारत के चुनावी गणित में महिलाओं की स्थिति क्या है यह इस आंकड़े से साफ पता चलता है कि 2018 में देश में हुए विधानसभा चुनावों में कुल 678 विधायक चुने गए जिनमें महिलाओं की संख्या मात्र 62 रही।;
लखनऊ: भारत के चुनावी गणित में महिलाओं की स्थिति क्या है यह इस आंकड़े से साफ पता चलता है कि 2018 में देश में हुए विधानसभा चुनावों में कुल 678 विधायक चुने गए जिनमें महिलाओं की संख्या मात्र 62 रही। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम की जनसंख्या में महिलाओं की तादाद 9 करोड़ 30 लाख है।
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इन राज्यों के चुनावों में जो विधायक चुने गए हैं उनमें मात्र 9 फीसदी महिलाएं हैं। जबकि 2013-14 के इन्हीं राज्यों के चुनावों में यह तादाद 11 फीसदी थी। उस समय 678 सीटों में से 77 में महिलाएं जीती थीं। ‘इंडिया स्पेंड’ द्वारा एडीआर और भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है।
सिर्फ छत्तीसगढ़ में महिला विधायकों की संख्या बढ़ी है वहीं मिजोरम में इस बार भी कोई महिला प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सकी। ये हाल तब है जबकि मिजोरम की दस लाख से ज्यादा की जनसंख्या में 49 फीसदी महिलाएं हैं। इस बार यहां 18 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था।
यह भी महत्वपूर्ण है कि इन पांचों राज्यों में महिला प्रत्याशियों की संख्या इस बार पहले की तुलना में काफी ज्यादा रही लेकिन जनता ने इन पर भरोसा नहीं जताया।
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महिला प्रत्याशियों की संख्या पिछले तीन चुनावों में बढ़ती रही है लेकिन इनके विजयी होने का ग्राफ नीचे ही जा रहा है। इस बार सबसे ज्यादा महिला प्रत्याशी मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ीं। कुल 2716 प्रत्याशियों में से 235 महिलाएं थीं। 2013 में ये संख्या 108 तथा 2008 में 226 थी। लेकिन इस बार विजयी रहीं सिर्फ 22 जबकि 2013 में 30 व 2008 में 25 महिलाएं जीतीं थीं।
राजस्थान में इस बार कुल प्रत्याशी थे 2291 जिसमें 182 महिलाएं थीं। 2013 में 2030 प्रत्याशी थे जिनमें 152 महिलाएं थीं जबकि 2008 में 2194 प्रत्याशियों में 154 महिलाएं थीं। 2008 में 28 महिलाएं जीतीं, 2013 में ये संख्या 25 थी लेकिन इस साल ये घट कर 23 रह गई।
छत्तीसगढ़ की बात करें तो वहां 90 सीटों में से 13 महिलाओं ने जीतीं जबकि 2013 में ये संख्या 10 व 2008 में 11 थी।
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