69000 Assistant Teacher Recruitment आरक्षण घोटाला मामला, 21 सितंबर को आ सकता है फाइनल डिसीजन

69000 Assistant Teacher Recruitment: लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस विवेक चौधरी एवं जस्टिस मनीष कुमार की बेंच में सुनवाई हुई ।

Written By :  Anant kumar shukla
Update: 2023-09-15 14:01 GMT

69000 Assistant Teacher Recruitment reservation scam (Photo-Social Media)

69000 Assistant Teacher Recruitment: कोर्ट में न्यायमूर्ति विवेक चौधरी एवं न्यायमूर्ति मनीष कुमार के समक्ष उपस्थित होकर आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की तरफ से पक्ष रखते हुए सीनियर अधिवक्ता सुदीप सेठ ने कहा कि इस भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। 13 मार्च 2023 को हाई कोर्ट सिंगल बेंच के दिए गए आदेश के बावजूद भी सरकार ने इस भर्ती की लिस्ट को अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटागिरी, सब कैटिगरी आदि के कॉलम में अभी तक नहीं बनाई है जबकि हाईकोर्ट सिंगल बेंच ने इस कार्य को करने के लिए सरकार को 3 महीने का समय दिया था और आज 5 महीने से अधिक का समय बीत गया यह कहीं ना कहीं सरकार द्वारा हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है इस पर कोर्ट ने सख्त रूप अपनाते हुए कहा कि यह मामला हम बहुत जल्द निस्तारित कर देंगे तथा निश्चित रूप से कोर्ट में लड़ रहे आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को कोर्ट से राहत मिलेगी क्योंकि हम यहां पर पीड़ितों को न्याय देने के लिए ही बैठे हैं ।

कोर्ट ने आज स्पष्ट तौर पर कहा कि आरक्षण घोटाले के मुद्दे पर जिसको जो भी कुछ कहना है और जितनी भी अपील इस मुद्दे पर जुड़ी हुई है वह सभी अगली तारीख पर अपनी पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में उपस्थित हो ताकि मामले का निस्तारण कर कोर्ट में न्याय के लिए लड़ रहे पीड़ितों को न्याय दिया जा सके और यह कहकर कोर्ट ने अगली सुनवाई तिथि 21 सितंबर लगा दी ।

वहीं दूसरी तरफ आज डीएलएड के अभ्यर्थियों की तरफ से 69000 सहायक शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर निकालने हेतु एक याचिका टैग करने की उनके अधिवक्ता द्वारा कोर्ट से मांग की गई और दुहाई दी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को एनसीटीई की वर्ष 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया है जिस पर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए स्पष्ट रूप से कहा की हम आरक्षण घोटाले के मुद्दे मे इस मुद्दे के अलावा किसी अन्य प्रकार का कोई अन्य मुद्दा टैग नहीं करेंगे क्योंकि हम इस भर्ती में आरक्षण घोटाले का मामला बहुत जल्द सॉल्व करना चाहते हैं ताकि इस भर्ती में जो अभ्यर्थी न्याय के लिए लड़ रहे हैं उन्हें कोर्ट से राहत मिल सके और यह कहकर उनकी मांग को कोर्ट ने आज पूरी तरह से ठुकरा दिया ।

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