69000 सहायक शिक्षक भर्ती पीड़ितों का ट्वीटर वार, #न्याय का चलाया अभियान
69000 Shikshak Bharti: बीजेपी के नेताओं को टैग कर मांग की, कि उन्हें इस भर्ती में संविधान द्वारा दिया गया पूरा आरक्षण नहीं दिया गया है यह देकर न्याय दिया जाए l
69000 Shikshak Bharti: आज 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय कब हैशटैग के साथ अभियान चलाया. तथा अपने ट्विटर अभियान में बीजेपी के नेताओं को टैग कर मांग की, कि उन्हें इस भर्ती में संविधान द्वारा दिया गया पूरा आरक्षण नहीं दिया गया है यह देकर न्याय दिया जाए l
क्या था पूरा मामला?
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग को इस भर्ती में 27% एवं 21% आरक्षण नहीं दिया गया है बल्कि इसके स्थान पर ओबीसी वर्ग को 27% की जगह 3.80% और एससी वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.2% ही आरक्षण दिया गया है जो पूरी तरह से गलत है l
पीड़ितों ने चीफ जस्टिस को मेल कर अवगत कराया
वहीं दूसरी तरफ पीड़ित अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को मेल कर उन्हें अवगत कराया कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले का यह मामला 13156/2020 महेंद्र पाल एंड अदर के नाम से इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की सिंगल बेंच में जस्टिस ओपी शुक्ला द्वारा 8 दिसंबर 2022 को रिजर्व किया गया है. लेकिन अभी तक यह आर्डर डिलीवर नहीं हुआ है जबकि तीसरा महीना चल रहा है , अभी तक आर्डर डिलीवर ना होने से आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी बहुत परेशान एवं दुखी हैं ऐसी स्थिति में आरक्षण घोटाले से संबंधित रिजर्व किया गया यह आर्डर अति शीघ्र जारी किया जाए l
अपनी मांग पर अड़े अभ्यर्थी
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट कहना है कि इस भर्ती में 19 हजार के लगभग सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है. वह सभी सीटें वापस की जाए अन्यथा की स्थिति में लखनऊ हाई कोर्ट में जितने भी अभ्यर्थी याची हैं, उन सभी को याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण किया जाए l