यूपी मेंं सात वर्षीय बच्चे की हुई दर्दनाक मौत, कारण जानकर कांप जाएगी रूह

मंगलवार की शाम फफूंद बाबरपुर रोड एक गाँव मे बस से कुचलकर एक सात वर्षीय बालक की बस से कुचलकर दर्दनाक मृत्यु हो गई, बालक लगभग दो वर्ष से अपने नाना-नानी के...

Update: 2020-03-03 15:51 GMT

औरैया। मंगलवार की शाम फफूंद बाबरपुर रोड एक गाँव मे बस से कुचलकर एक सात वर्षीय बालक की बस से कुचलकर दर्दनाक मृत्यु हो गई, बालक लगभग दो वर्ष से अपने नाना-नानी के पास रहकर पढ़ाई कर रहा था, पिता बाहर रहकर किसी प्राईवेट कम्पनी में काम करता है। घटना इतनी विभत्स थी कि देखने वालों की आँखें नम हो गई।

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मंगलवार की शाम पाँच बजे सात वर्षीय बालक रितिक पुत्र आदेश कुमार निवासी गाँव राहतपुर थाना बकेवर(इटावा) की बस से कुचलकर दर्दनाक मृत्यु हो गई। मृतक बालक आज अपनी मौसी व अन्य ननिहाल की महिलाओं के साथ कही गया था, लौटकर आने पर टेम्पो से महिलाओं के साथ बच्चा भी उतरा था।

ग्रामीणों की आंखे हुई नम

महिलाएं टेम्पो वाले को किराया देने लगी इतने में बच्चा रोड़ पार करने लगा तभी बाबरपुर की तरफ से तेज रफ्तार आती हुई बस ने बच्चे को टक्कर मार दी, बस में उलझकर बालक लगभग बीस मीटर तक घिसटता चला गया जिससे उसकी दर्दनाक मृत्यु हो गई। घटना इतनी विभत्स थी कि देखने वालों की आँखें भी नम हो गईं।

बस का चालक बस को घटना स्थल से भगा ले गया लेकिन फफूंद पहुंचने से पहले ही चालक सहित बस को ग्रामीणों ने पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। मृतक बालक रितिक दो वर्ष से अपनी ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रहा था, नाना मिथलेश कुमार ने बताया कि मृतक बालक गाँव के ही विद्यालय में एल.के.जी मे पढ़ता था, पिता बड़ोदा में रहकर प्राईवेट कम्पनी में काम करते हैं तथा माँ भी पति के साथ रहती है।

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घटना वाले दिन माँ औऱ पिता अपने गाँव राहतपुर मे थे।उनको सूचना दे दी गई है।बालक की मृत्यु पर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। घटना स्थल पर कई थानों की पुलिस आ गयी जाम की सूचना पर एएसपी कमलेश दीक्षित भी घटना स्थल पर पहुँच गए।

ग्रामीणों ने नही उठने दिया शव, रोड़ पर लगाया जाम

घटना होने के बाद बालक के शव रोड़ पर ही पड़ा था ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों की भीड़ लगी थी। वर्तमान ग्राम प्रधान श्रीकृष्ण ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने आते ही एक प्राईवेट कार को रुकवाकर जबरदस्ती उसमें मृतक का शव रखकर ले जाने की कोसिस की।

ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को घटना स्थल पर बुलाने की मांग करते हुए शव को नही ले जाने दिया। लगभग डेढ़ घण्टे के बाद एएसपी आकर ग्रामीणों को समझा बुझाकर शव को एक किनारे रखवाकर जाम खुलवाया।

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मृतक के नाना ने बताया कि मृतक बालक से छोटा एक चार वर्षीय उसका भाई है। खबर लिखे जाने तक माता पिता नही आ पाए थे,शव सड़क के किनारे रखा था, एएसपी सहित कई थानों का फोर्स भी था।

स्पीड ब्रेकर होती तो बच सकती थी बालक की जान

गाँव केशमपुर पसईपुर रोड़ के दोनों किनारों पर बसा है रोड़ के दोनों तरफ काफी दूकाने भी है। फफूंद बाबरपुर अति व्यस्त मार्ग है ग्रामीणों का कहना है स्पीड ब्रेकर होता तो बस तेजी से नही आती, तो बालक की जान बच सकती थी।

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