70 हजार मजदूर बेरोजगार, खामियाजा भुगत रहीं 6000 औद्योगिक इकाईयां
एमएसएमई इंडस्ट्रियल नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र नहटा ने बताया कि सेक्टर-5,8,9,1० में औद्योगिक इकाईयां बसाई गईं। मजदूरों के बैठने के लिए यहां पार्क बने।
नोएडा: शहर में एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों के संचालन में यहां सबसे बड़ी बाधा अवैध तरीके से बसी झुग्गियां हैं। यह कोविड-19 के मरीजों का एपिकसेंटर बना चुका है। पूरा क्षेत्र कंटेन्मेंट जोन में है। इसका खामियाजा यहा संवैधानिक रूप से बसाई गई 6000 औद्योगिक इकाईयों को भुगतना पड़ रहा है। 33 प्रतिशत स्टॉफ के साथ यदि इन इकाईयों को शुरू किया जाए। इससे 70 हजार मजदूरों को रोजगार मिलेगा और अर्थव्यवस्था का रूका हुआ पहिया दोबारा से चल सकता है।
झुग्गियां बन चुकीं शहर का सबसे बड़ा कोरोना एपिक सेंटर
एमएसएमई इंडस्ट्रियल नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र नहटा ने बताया कि सेक्टर-5,8,9,1० में औद्योगिक इकाईयां बसाई गईं। मजदूरों के बैठने के लिए यहां पार्क बने। इन पार्कों में झुग्गियां बनाकर लोगों ने कब्जा जमा लिया। सालों तक गुहार लगाने के बाद भी इनको यहा से नहीं हटाया गया। प्राधिकरण ने झुग्गी झोपड़ी पुर्नवास योजना के तहत इनको यहां से हटाने का प्रयास किया। मकान बनाए ड्रा भी किए गए। लेकिन यहां से कुछ लोगों को ही शिफ्ट किया जा सका। अब यह शहर का सबसे बड़ा कोरोना एपिक सेंटर बन चुका है।
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जिसकी जद् में फेस-1 की औद्योगिक इकाईयां है। इससे न सिर्फ मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं बल्कि मजदूरों का उद्यमीयों से भरोसा उठता जा रहा है। इन उद्योगों के शुरू होने से सरकार को फायदा मिलेगा। क्योंकि इकाईयां शुरू होते ही मजदूरों का पलायन रूकेगा। उद्योगों के चालू होने से जीएसटी रिर्टन भी भरे जा सकेंगे जिससे सरकार को राजस्व मिल सकेगा। जाहिर है कि फैक्ट्रियां खुलने से ही कच्चे माल के बाजार, निर्यात वस्तुओं के बाजार , ट्रांसपोर्ट बड़े बड़े उद्योग चल सकेंगे।
1000 औद्योगिक इकाईयां शुरू करने की मिली अनुमति
औद्योगिक इकाईयां तीनों फेजों में मौजूद हैं। फेज-1 में जहां 6000 औद्योगिक इकाईयां हैं तो वहीं फेज 2 और 3 में 5000 औद्योगिक इकाईयां स्थित हैं। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए शहर में लगाताकर औद्योगिक इकाईयों को खोला जा रहा है। प्राधिकरण द्वारा 1000 औद्योगिक इकाईयों को शुरू करने की अनुमति ने दी गई है। जहां 62 हजार स्टॉफ काम करेगा। वहीं, कंटेन्मेंट जोन में होने के कारण 1700 आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया गया है।
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इसके अलावा 3300 मजदूरों के साथ 20 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं को अनुमति दी गई है। यहां भी काम शुरू हो गया। इसके साथ 55 औद्योगिक, कमर्शियल कंस्ट्रक्शन साइट में भी कार्य शुरू करने की अनुमति दी गई है। जहां भी 3300 मजदूर काम कर सकेंगे। वहीं, 650 मजदूरों के साथ 30 प्राधिकरण की परियोजनाओं को भी शुरू कर दिया गया है। इन सभी स्थानों पर कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। ताकि संक्रमण न फैले। यदि किसी भी स्थान पर एक भी मरीज मिलता तो अनुमति स्वता ही समाप्त हो जाएगी।
दीपांकर जैन