इस जिले में कोरोना संक्रमित 7342 लोग लापता, प्रशासन के माथे पर पसीना
कोरोना महामारी के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुख्य शहर मेरठ में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यहां कोरोना संक्रमित 7342 लोग हो गए हैं।
लखनऊ: कोरोना महामारी (coronavirus) के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुख्य शहर मेरठ (Meerut) में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यहां पर कोरोना संक्रमित 7342 (7342 corona infected people) लोग हो गए हैं। उन्हें ढूँढा जा रहा है वो न अस्पताल (Hospital) में हैं, और ना ही होम आइसोलेशन (Home isolation) में। जिन्हें प्रशासन ढूंढने के प्रयास में लगा हुआ है।
दरअसल, इसके पीछे कहानी ये है कि कोरोना संक्रमण की आशंका के बीच कई लोगों ने नाम बदलकर कोरोना की अपनी जांच कराई लेकिन जब उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो वे सब गायब हो गए। अब जांच करने पर उनका पता भी फर्जी निकल रहा है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग उनका पता नहीं लगा पा रहा है। ऐसे में संक्रमण की चेन को रोक पाना विभाग के लिए मुश्किल हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, भर्ती और आइसोलेट मरीजों की कुल संख्या सक्रिय मरीजों से काफी कम है। परन्तु इन लापता मरीजों के बारे में विभाग को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है ।
जिला प्रशासन और मेडिकल विभाग के अनुसार मेरठ जिले में कोरोना संक्रमित पाए गए 7342 लोग 'लापता' हैं। लापता इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय केसों की सूची में ये शामिल हैं, मगर न अस्पताल में हैं और ना होम आइसोलेशन वाली सूची में। इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना मरीजों की सही से निगरानी न होना माना जा रहा है। कोरोना के जिन मरीजों का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है, उनकी तलाश चल रही है। ये मरीज होम आइसोलेट रहे होंगे और इनमें से अधिकांश ठीक भी हो गए होंगे, लेकिन इन्होंने जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी।
जिले में शुक्रवार तक 14673 एक्टिव केस
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में शुक्रवार तक 14673 एक्टिव केस थे। अस्पतालों में 1865 और 5466 होम आइसोलेशन में हैं, लेकिन इन रिकॉर्ड में 7342 लोग नहीं हैं। कुछ लोग पहचान छिपाकर कोरोना की जांच कराने वाले हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए मुसीबत बने हैं।