Aaj ka Mausam : अखिर क्यों गलत साबित हो रहा मौसम विभाग का अनुमान? IMD के वैज्ञानिक ने बताई असली वजह
Aaj ka Mausam : मौसम विभाग लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश मंगलवार को देररात से बारिश होने का अनुमान है, जो अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगी।
Aaj ka Mausam : उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में मौसम विभाग के अनुमान कई जगहों पर गलत साबित हो रहे हैं। अनुमान गलत होने के कारण मौसम विभाग के साथ ही मीडिया की भी किरकिरी हो रही है। ये अनुमान आखिर क्यों गलत साबित हो रहे हैं? क्या संसाधनों की कमी है? क्या आंकलन में कहीं खामी है? या ये प्रकृति की माया है। ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें जानने की कोशिश करेंगे। आईये जानते हैं आखिर क्या वजह है?
मौसम विभाग लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश मंगलवार को देररात से बारिश होने का अनुमान है, जो अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगी। सूबे के कई जनपदों में बारिश शुरू हो गई है, हालांकि उमस से आम लोगों को परेशान कर रही है। मौसम को लेकर सभी की जुबान पर एक ही बात आ रही है कि ऐसा मौसम कभी नहीं देखा है।
अब फिर होगी झमाझम बारिश
वहीं, मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के दक्षिण भारत में शिफ्ट हो जाने की वजह से जैसी बारिश होनी चाहिए थी, वैसी देखने को नहीं मिली हैं, हालांकि अब फिर मानसून वापसी कर रहा है। उत्तर प्रदेश में अब फिर से झमाझम बारिश देखने को मिलेगी। वहीं, यदि हम रिपोर्ट पर गौर करें तो साल 2010 से अब तक यानी 2024 तक जब सबसे अधिक भविष्यवाणियां सही साबित हुईं, वो साल 2022 का था, जब लगभग 96 फीसदी भविष्यवाणी सही साबित हुई। इस बार तो लगभग 70 फीसदी ही अनुमान सही साबित हुए।
जलवायु परिवर्तन से अनुमान हो रहे प्रभावित
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम पर सर्वाधिक असर जलवायु परिवर्तन का होता है। यदि वैश्विक स्तर पर बात की जाए तो भारत में सबसे ज्यादा जलवायु परिवर्तन होता है, क्योंकि यहां उष्णकटिबंधीय क्षेत्र होने के कारण होता है। यहां हिमालय पर्वत होने के कारण ठंडी हवाएं मैदानी क्षेत्रों में आती हैं, जो मानसून को रोकने में मददगार साबित होती हैं। इससे मानूसनी बारिश भी प्रभावित होती है। इसके बावजूद मौसम विभाग सटीक अनुमान देने की कोशिश करता है।
इस वजह अनुमान हो रहे गलत
वहीं, भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि मानसून के दौरान मौसम में बहुत तेजी से परिवर्तन देखने को मिलता है। ये बदलाव कभी छोटे स्तर पर तो कभी बहुत बड़े स्तर पर देखने को मिलते हैं। ऐसे में मौसम की सटीक जानकारी देना अपने आप में बहुत चुनौतीपूर्ण है। इसके बावजूद मौसम विभाग सटीक जानकरी देने की कोशिश करता है, लेकिन कभी-कभी गलत भी साबित हो जाती है। इसमें सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले समय में पूर्वानुमान और सटीक होने की संभावना है।