Mathura Krishna Janmashtami: मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में बड़ा हादसा, दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत
Mathura Krishna Janmashtami: पूरे देश में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का अपार हुजूम उमड़ा मगर इस दौरान हुए दर्दनाक हादसे ने गमगीन कर दिया।
Mathura Krishna Janmashtami: पूरे देश में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का अपार हुजूम उमड़ा मगर इस दौरान हुए दर्दनाक हादसे ने गमगीन कर दिया। शुक्रवार देर रात मंगला आरती के समय दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। छह और श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भीड़ इतनी ज्यादा थी कि करीब 50 लोग बेहोश होकर गिर पड़े। मंदिर के सेवादारों ने वीआईपी एंट्री के कारण हादसा होने का आरोप लगाया है।
क्षमता से कई गुना श्रद्धालु थे मौजूद
मंदिर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जन्माष्टमी के मौके पर बांके बिहारी मंदिर में क्षमता से कई गुना ज्यादा श्रद्धालु जुटे हुए थे। देर रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करने के बाद ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार किया गया। इस दौरान मंदिर के कपाट बंद थे और मंगला आरती के समय कपाट खोले जाने थे। मंदिर में 1.55 बजे मंगला आरती की शुरुआत होनी थी और इसके लिए काफी संख्या में भक्त जुटे हुए थे। सूत्रों का कहना है कि मंदिर के आंगन की क्षमता करीब 800 भक्तों की है मगर जन्माष्टमी का त्योहार होने के कारण इससे कई गुना ज्यादा श्रद्धालु इकट्ठा थे।
मृतकों की हुई पहचान
जानकारों के मुताबिक छोटे आंगन में काफी ज्यादा भक्तों के जुट जाने के कारण लोगों का दम घुटने लगा। सबसे पहले दो भक्तों की तबीयत बिगड़ी और वे बेहोश हो गए। रेस्क्यू टीम उन्हें अस्पताल लेकर जाने की तैयारी में थी मगर दोनों भक्तों ने दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान नोएडा के सेक्टर 99 की रहने वाली निर्मला देवी और वृंदावन की भूले राम कॉलोनी के राम प्रसाद विश्वकर्मा के रूप में हुई है। रामप्रसाद मूल रूप से जबलपुर के रहने वाले थे। छह और श्रद्धालुओं की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अफसरों ने अब हालात पूरी तरह नियंत्रण में होने की बात कही है।
वीआईपी एंट्री के कारण हादसे का आरोप
वैसे इस हादसे को लेकर वीआईपी एंट्री की बात भी सामने आई है। मंदिर के सेवादारों का आरोप है कि वीआईपी के नाम पर कुछ अफसरों ने रुतबा दिखाया जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुलिस के एक बड़े अफसर अपनी मां को दर्शन कराने के लिए ले आए थे जबकि एक और पुलिस अधिकारी मंगला आरती के समय अपने सात परिजनों के साथ मौजूद थे।
सेवादारों का कहना है कि अफसरों के परिजनों के लिए छत पर बनी बालकनी से दर्शन की व्यवस्था की गई थी। अपने परिजनों की सुविधा के लिए अफसरों ने ऊपरी मंजिल के गेट बंद करा दिए थे। इस कारण जब श्रद्धालुओं का दम घुटने लगा तो उन्हें बचाने में काफी दिक्कतें आईं। सेवादारों का कहना है कि जिले के बड़े अफसर वीआईपी दर्शन में जुटे रहे और मंगला आरती के समय भीड़ का दबाव बढ़ने पर लोगों का दम घुटने लगा। अफसरों ने पहले अपने परिजनों को बाहर निकालने को प्राथमिकता दी।
अब स्थिति कंट्रोल में होने का दावा
मथुरा के एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि एक भक्त के निकास द्वार पर बेहोश हो जाने के कारण आवाजाही रुक गई। भीतर भीड़ बहुत ज्यादा होने के कारण लोगों का दम घुटने लगा और दो भक्तों की मौत हो गई। उन्होंने फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती भक्तों का इलाज चल रहा है। एसएसपी ने कहा के काफी संख्या में भक्त मंदिर परिसर से निकलने के बाद जलद ही काफी राहत महसूस करने लगे। वैसे इस बार जन्माष्टमी से पहले प्रशासन की ओर से तैयारियों को लेकर कोई बैठक न किए जाने का आरोप भी लगाया जा रहा है। मंगला आरती के समय जुटने वाली भीड़ के मद्देनजर पहले से कोई तैयारी नहीं की गई थी। इसे भी हादसे का बड़ा कारण माना जा रहा है।