अभी मथुरा-काशी बाकी: बाबरी फैसले पर बोले आचार्य धर्मेन्द्र, आगे और है लड़ाई
आचार्य धर्मेन्द्र ने कहा कि अभी आगे भी संघर्ष जारी रहेगा। बाबरी विध्चंस के आरोपितों ने कहा कि यह रामकाज था जिसे हम लोगों ने पूरा किया था। डा. मुरली मनोहर जोशी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले का लोगों में कोर्ट के प्रति विश्वास और बढ़ गया।
लखनऊ: बाबरी ढांचे विध्वंस के आरोपितों में से एक आचार्य धमेन्द्र ने स्पेशल कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जो हुआ वह भगवान की कृपा से हुआ। इसके लिए वह अयोध्या की धरती और लक्ष्मण की धरती लखनऊ को प्रणाम करते है। उन्होंने कहा "अभी तो पहली झांकी है, मथुरा कशी बाकी है।" उन्होंने कहा कि देश में जहां-जहां ऐसे दाग हैं उन्हें धोकर साफ किया जाएगा। इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि स्पेशल कोर्ट का आज का फैसला अत्यन्त महत्वपूर्ण है और हम सब के लिए बहुत ख़ुशी का दिन है।
अभी आगे भी संघर्ष जारी रहेगा
इस मामले के आरोपितों में से एक आचार्य धर्मेन्द्र ने कहा कि अभी आगे भी संघर्ष जारी रहेगा। बाबरी विध्चंस के आरोपितों ने कहा कि यह रामकाज था जिसे हम लोगों ने पूरा किया था। डा. मुरली मनोहर जोशी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले का लोगों में कोर्ट के प्रति विश्वास और बढ़ गया। यह एक महत्वपूर्ण आदोलन था जो देश अस्मिता और मर्यादााओं के लिए था।
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ये तो रामकाज था
वहीं दूसरी तरफ इस केस में आरोपित रही साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि ये तो रामकाज था जो कुछ हुआ वह भगवान राम ने कराया था। जबकि महंत धर्मदास ने कहा कि 6 दिसम्बर 1992 को वहां मौजूद आडवाणी डा जोषी नहीं चाहते थे कि ढांचा गिरे लेकिन कोर्ट में मामला जबरन डाला गया।
2300 पन्नों का फैसला
गौरतलब है कि 2300 पन्नों के फैसले में स्पेशल जज एसके यादव ने कहा कि सिर्फ तस्वीरों के आधार पर ही किसी को दोषी नहीं बनाया जा सकता है। सभी आरोपितों ने बाबरी ढांचे को बचाने की कोशिश की लेकिन उत्तेजित अराजक तत्वों ने ही ढांचे को गिरा दिय था। इस केस में आरोपी बनाए गए इन सभी ने उत्तेजित भीड को रोकने का प्रयास किया।
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