Hardoi News: शिक्षा माफ़ियाओं पर कसेगी नकेल, बिना मान्यता व बिना रजिस्ट्रेशन संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर की होगी जाँच
Hardoi News: राजस्थान के कोटा में लगातार कोचिंग पढ़ने गए छात्र-छात्राओं की मौत के बाद कोचिंगों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी संचालित हो रही कोचिंग पर अब सरकार के निगाह है।
Hardoi News: देश में कोचिंग का गढ़ राजस्थान का कोटा या उत्तर प्रदेश का प्रयागराज माना जाता है। लेकिन आजकल कोचिंग एक अच्छा धंधा बन चुका है। कोचिंग संचालक मनमाने तरीके से पठन-पाठन का कार्य करा रहे हैं साथ ही राजस्व को भी जमकर चूना लगा रहे हैं। राजस्थान के कोटा में लगातार कोचिंग पढ़ने गए छात्र-छात्राओं की मौत के बाद कोचिंगों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी संचालित हो रही कोचिंग पर अब सरकार के निगाह है। हरदोई जनपद में भी किसी भी मार्ग पर निकल जाएं 2, 4 कोचिंग जरूर मिल जायेंगी। वहीं हर गली में एक स्कूल भी संचालित मिल जाएगा।
शहर से लेकर कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों तक कोचिंग संचालन व विद्यालयों का कार्य जनपद में जोरों पर है। कोचिंग संचालक के लिए शासन स्तर से मानक भी निर्धारित है। लेकिन कोचिंग संचालक इन मानकों का लगातार उल्लंघन करते रहते हैं। जनपद में कई विद्यालय बिना मान्यता के चल रहे हैं। हरदोई जनपद में सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो 52 कोचिंग सेंटर क्रियाशील है जबकि 52 से अधिक कोचिंग सेंटर शहर में ही आपको संचालित मिल जाएंगे। यह कोचिंग सेंटर हाई स्कूल, इंटर, बीएससी, एमएससी, बी कॉम, एम कॉम, टीजीटी, पीजीटी, बीएड, बीटीसी अन्य डिग्रियों की पढ़ाई करते हुए मिलेंगे। कई बार जनपद में संचालित अवैध कोचिंग सेंटरों पर शासन ने कार्यवाही भी की लेकिन शिक्षा माफ़ियाओ के आगे शासन बेबस है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा एक बार फिर कोचिंग सेंटर की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी गठित की है। जनपद में कुल 20 टीम काम करेगी। 20 टीम जनपद के संचालित सभी कोचिंग सेंटर में जाकर जांच करेगी।जिला प्रशासन के आदेश के बाद शिक्षा माफ़ियाओ में एक बार फिर हड़कंप मचा हुआ है।
सरकार के साथ पढ़ने आने वाले छात्र-छत्राओ को भी लगा रहे चुना
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोचिंग के पंजीकरण को अनिवार्य किया हुआ है। पंजीकरण के लिए छात्र संख्या के आधार पर शुल्क निर्धारित भी किया हुआ है। इसके साथ ही विद्यालय की सुरक्षा व मानक को भी निर्धारित सरकार द्वारा किया हुआ है। सरकार ने कोचिंग में पढ़ने आने वाले छात्र-छत्राओ को लिए जाने वाले शुल्क कि रसीद देने के भी निर्देश हैं। लेकिन ज्यादातर कोचिंग संचालक पढ़ने आने वाले छात्र-छत्राओ को रसीद उपलब्ध नहीं कराते हैं और मनमानी फीस छात्र-छत्राओ से वसूल करते हैं। कोचिंग संचालक के लिए विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों का भी विवरण रखना आवश्यक होता है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा गठित की गई टीम प्रत्येक क़स्बे, ग्रामीण क्षेत्र सहित शहर में संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर व विद्यालय की जांच कर प्रत्येक सप्ताह के शनिवार को आख्या देंगी।
बिना मान्यता व बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर व विद्यालय पर आख्या के बाद कार्यवाही की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक बालमुकुंद प्रसाद ने बताया की जांच टीम की आख्या के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जिला स्तर से भी कोचिंग सेंटर व विद्यालय का निरीक्षण किया जाएगा। मानक विपरीत संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर व विद्यालय पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। बालमुकुंद प्रसाद ने बताया कि कोचिंग व विद्यालय की जांच के लिए 20 टीम में बनाई गई है प्रत्येक टीम में तीन सदस्य रखे गए हैं जो एक साथ शहर से लेकर क़स्बे तक जांच करेंगी।