सोनू सूद की दहाड़: भाग खड़े हुए गुंडे ठेकेदार, ऐसे दिखाई असली हीरोपंती
एक्टर सोनू सूद की मदद पर काशी में नाराजगी देखी जा रही है। बीजेपी नेता धर्मेंद्र सिंह ने सोनू सूद की मदद को काशी का उपहास बताया तो वहीं श्री काशी विद्वत परिषद के सदस्य रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि मदद करें लेकिन मदद का बखान न करें।
वाराणसी: कोरोना के चलते लगे लॉक डाउन के कारण संकट में फंसे लोगों की मदद फिल्म अभिनेता सोनू सूद करते आ रहे हैं। जिसके कारण पूरे देश में सोशल मीडिया में तारीफ़ हो रही है। इसी क्रम में सोनू सूद ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी नगरी वाराणसी में नाविकों को मदद पहुंचाई तो काशी में कुछ लोगों को पसंद नहीं आया और घमासान शुरू हो गया। बीजेपी नेता और श्री काशी विद्वत परिषद के लोगों ने इसे पब्लिसिटी स्टंट बताया है और कह रहे हैं कि काशी के लोग अपने शहर को देख लेंगे।
बेरोजगार नाविकों ने दिया धन्यवाद
कोरोना महामारी और बढ़ता जलस्तर नाविकों की बेरोजगारी का कारण बन रहा है। बेरोजगारी के कारण नाविकों के सामने भोजन का संकट खड़ा हुआ तो स्वयंसेवी संस्था के लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सोनू सूद को जानकारी दी। सोनू सूद ने काशी के नाविकों को मदद भेज दी। मदद वितरित हुई और नाविक समाज ने अभिनेता को धन्यवाद दिया।
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मदद करें लेकिन मदद का बखान न करें
एक्टर सोनू सूद की मदद पर काशी में नाराजगी देखी जा रही है। बीजेपी नेता धर्मेंद्र सिंह ने सोनू सूद की मदद को काशी का उपहास बताया तो वहीं श्री काशी विद्वत परिषद के सदस्य रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि मदद करें लेकिन मदद का बखान न करें। हम तैयार है अगर किसी को भोजन चाहिए तो हमसे संपर्क करे हम देंगे कोई बाहरी नहीं।
अभिनेता की मदद पर ट्वीट के साथ बयानबाजी
काशी के बारे में कहा जाता है कि यहां कोई भूखा नहीं सोता। अब सोनू सूद की मदद के बाद सभी जग भी गए हैं। लेकिन, नाविक समाज इस राजनीति से दुखी है और सियासत न करने की मांग कर रहा है। अभिनेता की मदद पर ट्वीट के साथ बयानबाजी और रार जारी है। लेकिन, जरूरत है तो ऐसे प्रयास की जो राजनीति से ऊपर उठकर मददगार साबित हो।