अयोध्या में राम मंदिर निर्माण: देश के बड़े आर्किटेक्ट और धर्माचार्य से भी ली जाएगी राय

राम मंदिर निर्माण समिति की पिछले तीन दिनों से चल रही महत्वपूर्ण बैठक रविवार को संपन्न हो गई। बैठक में मंदिर निर्माण कार्य को लेकर कई अहम फैसले लिए गए।

Update:2020-11-02 08:53 IST
अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह के लिए जो मुहिम चलाई जा रही है उस मुहिम को नाम दिया गया है श्री राम मंदिर संग्रह निधि अभियान।

अयोध्या: अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए देशभर के बड़े आर्किटेक्ट और धर्म आचार्यों की राय ली जाएगी। यह फैसला राम मंदिर निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक में लिया गया है।

राम मंदिर निर्माण समिति की पिछले तीन दिनों से चल रही महत्वपूर्ण बैठक रविवार को संपन्न हो गई। बैठक में मंदिर निर्माण कार्य को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी महाराज, जगद्गुरु माधवाचार्य, तीर्थजी महाराज, ट्रस्टी विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, सदस्य डॉ अनिल मिश्र के अतिरिक्त राममंदिर ट्रस्ट के आर्किटेक्ट और निर्माण कंपनियों के इंजीनियर्स मौजूद रहे।

बैठक में शामिल हुए ये लोग

बैठक में मंदिर की नींव का स्वरूप, मैटेरियल प्रयोग के साथ नींव की आयु और भार क्षमता में वृद्धि को लेकर चर्चा की गई। बैठक में लार्सन एंड टूब्रो और टाटा इंजीनियरिंग कंपनी, सीबीआरआई रुड़की, एनआईटी सूरत और आईआईटी चेन्नई के अनुभवी इंजीनियर्स की टीम शामिल हुई। इस दौरान अक्षरधाम मंदिर के पुजारी ब्रह्मबिहारी स्वामी से भी मंदिर निर्माण के लिए अहम सुझाव लिए गए।

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राममंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन की अध्यक्षता में हुई तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से नीव की मजबूती, राम मंदिर की गुणवत्ता के साथ-साथ मंदिर निर्माण के समय और मंदिर निर्माण के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी मंथन किया गया। बैठक में एक और अहम फैसला लिया गया, जिसमें कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो के कार्यों पर टाटा कंपनी सहित अन्य विशेषज्ञ भी नजर रखेगें और अपनी राय भी देंगे।

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राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने बताया कि राम मंदिर की गुणवत्ता को टाटा सहित कई निर्माण इकाइयों को भी मंदिर निर्माण पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गयी है। इसके अलावा टाटा कंपनी को मंदिर निर्माण के दौरान एलएंडटी कंपनी पर निगाह रखने की जिम्मेदारी दी गयी है। राम मंदिर निर्माण के साथ ही रामजन्मभूमि परिसर के विकास को लेकर देशभर के आर्किटेक्ट और धर्माचार्यों से सुझाव मांगा जाएगा और आने वाले सुझावों पर ट्रस्ट विचार करने के बाद उस पर रूपरेखा तैयार करेगा।

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अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण स्थल पर नींव के पिलर्स को बनाने का काम शुरू हो गया है। अभी तक टेस्टिंग पिलर्स बनाए गए हैं जिनसे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि निर्माण स्थल की भूमि की प्रकृति क्या है। श्री राम मंदिर निर्माण समिति ने यह भी तय किया है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण पूर्व निर्धारित समय के अनुसार 39 महीने में ही पूरा कराया जाए । इसलिए निर्माण गतिविधियों को तेज किया जा रहा है।

रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी

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