DM बी. चंद्रकला ने प्रार्थना पत्र लेकर पहुंचे वकील को करवाया अरेस्ट, अभद्रता का लगाया आरोप
एक पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला लेकर डीएम बी. चंद्रकला को प्रार्थना पत्र देने पहुंचे वकील पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए अरेस्ट कर लिया गया।
मेरठ: एक पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला लेकर डीएम बी. चंद्रकला को प्रार्थना पत्र देने पहुंचे वकील पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए अरेस्ट कर लिया गया। इसकी जानकरी होने पर दर्जनों की संख्या में वकीलों ने सिविल लाइन थाने में पहुंचकर अपनी बात रखी। घटना के बाद वकीलों में रोष व्याप्त है।
क्या है मामला?
-साकेत की कोठी संख्या-100 निवासी एडवोकेट शरद जैन सिविल मसलों और जसवंत शुगर मिल के लीगल एडवाइजर हैं।
-शरद के अनुसार, साल 1992 में मेरठ प्रशासन के तत्कालीन अधिकारियों ने हेरफेर करते हुए जसवंत शुगर मिल की कुछ जमीन की नीलामी मैसर्स रूद्रा एस्टेट के नाम छोड़ दी थी।
-इस मसले पर वह हाई कोर्ट गए तो हाई कोर्ट ने नीलामी को अवैध ठहराते हुए मेरठ प्रशासन को नीलामी निरस्त करने के आदेश दिए थे।
-वहीं इस मामले में प्रशासन द्वारा दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में हाई कोर्ट के आदेश को बहाल रखने के आदेश दिए थे।
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-गुरूवार (29 दिसंबर) को इसी मामले को लेकर एडवोकेट शरद डीएम बी. चंद्रकला से मिलने के लिए पहुंचे थे।
-आरोप है कि डीएम ने अपने ऊपर अभद्रता का आरोप लगाते हुए कार्यालय में ही एडवोकेट शरद जैन को पुलिस के हवाले कर दिया।
-इसके बाद सिविल लाइन थाने में वकीलों की भीड़ जमा हो गई।
-जिसके बाद शाम को एडवोकेट शरद जैन को थाने से छोड़ दिया गया।
-इंस्पेक्टर सिविल लाइन ने बताया कि फिलहाल इस मामले में कोई तहरीर नहीं दी गई है।