लखनऊः इन दिनों यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की सियासत इशारों में समझी जा रही है। हर इशारे के मायने हैं और हर मायने को समझाने के लिए लफ्जों के बजाए इशारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यूपी में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी में छिड़ी महाभारत के बाद कोई पहली कैबिनेट इसकी बानगी कही जा सकती है।
इस कैबिनेट में समाजवादी पार्टी ने अपने अंदर चल रहे तूफान को शांत दिखाने की कोशिश की और यह भी कोशिश की कि पूरी पार्टी एकजुट है ऐसा संदेश जाए। सिर्फ संदेश ही नहीं सीएम अखिलेश यादव ने तो खुलकर अपने नेताओं से अपील भी कर दी।
क्या कहा अखिलेश यादव ने?
अखिलेश यादव ने कैबिनेट के फैसले बताने के बाद राजनीतिक तौर पर एक बड़ा इशारा किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी परिवार जैसा था वैसा ही है। एक था एक ही रहेगा। सभी नेताओं से अपील की कि यूपी में सरकार की उपलब्धियां जनता तक पहुंचाने की कोशिश करें।
क्या कहा शिवपाल ने?
वहीं शिवपाल सिंह यादव कैमरे से तो बचते नजर आए लेकिन जाते-जाते इतना जरूर बोल गए सहारा विवाद खत्म है। कोई विवाद है ही नहीं।
आज़म ने क्या कहा?
इस पूरी महाभारत में संजय बनकर दूर से देख रहे आजम खान ने कहा मेरी बची है बची रहने दीजिए मेरा किसी से मतभेद नहीं है मैं सबके आदेश मानूंगा।
गौरतलब है कि शिवपाल यादव और ओम प्रकाश सिंह एक ही गाड़ी से कैबिनेट के जगह से रवाना हुए एकजुटता दिखाने के लिए मुख्यमंत्री के बोलने तक वहीं रुके रहे। यानी सपा में कलह को गुजरे जमाने की बात साबित करने में सारे नेता जुट गए हैं लेकिन सवाल यह कि इस्तीफों की बाढ़ में यह कोशिश गहरी हो चुकी खाई को किस हद तक पाट सकेगी।