डीएम से लिखित आश्वासन के बाद किसानों ने खत्म किया धरना

इस बारे में डीएम बीएन सिंह ने बताया कि किसान नेता व उनके प्रतिनिधियों से बात सफल रही है। अब भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर संबंधित विभागों की जल्द मीटिंग बुलाकर बात की जाएगी। इसके अलावा संबंधित प्राधिकरण के साथ भी मीटिंग की जाएगी।

Update: 2019-02-02 14:39 GMT

नोएडा: यहां धरने पर बैठे सैकड़ों किसानों ने शनिवार शाम धरना खत्म कर दिया। इन किसानों को नोएडा के डीएम ने 8 दिन में आवश्यक समाधान निकालने का लिखित में आश्वासन दिया है। इसी आश्वासन के बाद किसान नेता मनवीर तेवतिया के आग्रह पर किसानों अपने-अपने घर को लौटने को तैयार हुए।

इसमें यमुना प्राधिकरण, गाजियाबाद प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मीटिंग कराने से लेकर सीएम से भी बातचीत कराने का आश्वासन दिया गया है। इस बारे में किसान नेता मनवीर तेवतिया का कहना है कि अगर 8 दिनों में दिए आश्वासन पर कोई हल नहीं निकला तो फिर से सैकड़ों की संख्या में किसान शांतिपूर्वक पीएम आवास के बाहर धरना देने जाएंगे।

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वहीं, इस बारे में डीएम बीएन सिंह ने बताया कि किसान नेता व उनके प्रतिनिधियों से बात सफल रही है। अब भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर संबंधित विभागों की जल्द मीटिंग बुलाकर बात की जाएगी। इसके अलावा संबंधित प्राधिकरण के साथ भी मीटिंग की जाएगी।

रातभर किसान टेंट में गुजारे, सुबह पहली बार हुई वार्ता पर नहीं माने

इससे पहले शुक्रवार शाम 6 बजे किसानों को नोएडा में डीएनडी पर रोक दिया गया था। इसके बाद किसानों ने डीएनडी पर ही किनारे टेंट लगाकर रात गुजारी। इस दौरान काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं थीं। इनके विरोध को देखते हुए दिल्ली और नोएडा से भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी। शनिवार सुबह डीएम व एसएसपी ने किसान नेता और प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान डीएम ने लिखित आश्वासन नहीं दिया था पर हल निकालने का आश्वासन दे रहे थे। इस पर किसानों ने सहमति नहीं दी। जिसके बाद अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा था।

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3:30 बजे बनी सहमति, पेपर पर डीएम ने साइन किया तब माने किसान

शनिवार को साढ़े 3 बजे के करीब डीएम बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण फिर से किसानों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने कहा कि कोर्ट ने 2013 के बाद के किसानों के भूमि अधिग्रहण को लेकर सही मुआवजा देने की घोषणा की थी। मगर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद समेत आसपास के इलाकों में 2008 से 2012 के बीच हुए भूमि अधिग्रहण को लेकर काफी कम पैसे दिए गए थे। इसलिए उन्हें भी उचित मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा निर्धारित मुआवजे से भी आधे से कम धनराशि देकर उनके साथ बड़ा धोखा किया गया है। इसलिए इसकी जांच भी कराई जाए।

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किसान नेताओं ने डीएम से लिखित में आश्वासन लिया कि 4-5 फरवरी के बीच यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों से किसानों का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा। एक हफ्ते के भीतर पूरे मामले को सीएम योगी आदित्यनाथ को भी अवगत कराया जाएगा। मेक-इन इंडिया के तहत किसानों को भी वार्ता करने का मौका दिया जाएगा। इन आश्वासनों पर जब डीएम ने साइन कर दिया तब किसान ट्रैक्टर व बसों में सवार होकर अपने-अपने घरों के लिए रवाना होने लगे थे।

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