कोरोना संक्रमित बताकर कर दिया दूसरे का अंतिम संस्कार, ऐसे पकड़ में आई लापरवाही
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच आगरा में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां सोमवार को पोस्टमार्टम गृह पर शव बदल गए। न्यू ख्वासपुरा के चांदी कारीगर के शव का अंतिम संस्कार केदार नगर के वृद्ध के परिजनों ने कर दिया।
आगरा: कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच आगरा में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां सोमवार को पोस्टमार्टम गृह पर शव बदल गए। न्यू ख्वासपुरा के चांदी कारीगर के शव का अंतिम संस्कार केदार नगर के वृद्ध के परिजनों ने कर दिया। मामले की जानकारी पर चांदी कारीगर के परिजनों ने हंगामा किया। मामला अधिकारियों तक पहुंच गया। जांच के आदेश किए गए हैं।
न्यू ख्वासपुरा, शाहगंज निवासी 48 वर्षीय चांदी कारीगर की 10 मई को मौत हो गई। एसएन (सरोजिनी नायडू) मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ ने शव को पोस्टमार्टम गृह में भिजवा दिया। शाम को परिजनों को पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस बुलाया। शव कारीगर का नहीं था।
शव की पहचान केदार नगर निवासी 67 वर्षीय वृद्ध के रूप में हुई। वो कोरोना पॉजीटिव थे। उनके परिजनों को पुलिस ने बुलाया, जबकि उनसे दोपहर में एक शव को ले जाकर अंतिम संस्कार कराया जा चुका था। उन्हें जो शव सौंपा गया, वो चांदी कारीगर का था।
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कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुआ अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार केदार नगर के वृद्ध के बेटों की मौजूदगी में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हुआ था। इस कारण शव को नहीं दिखाया गया था। चांदी कारीगर के बेटे का कहना था कि पोस्टमार्टम गृह स्टॉफ की लापरवाही की वजह से वो पिता के शव का अंतिम संस्कार नहीं कर सका।
थाना शाहगंज के प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र सिंह राघव ने बताया कि कोरोना संक्रमित के दोनों बेटे क्वारंटीन हैं। उन्हं पोस्टमार्टम हाउस बुलाया गया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम एक शव को अपने साथ गाड़ी से विद्युत शव दाह गृह लेकर पहुंची। बेटों ने दूर से देखा। मगर, कोरोना प्रोटोकॉल में ऐसा ही होता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. आरसी पांडेय का कहना है कि यह घोर लापरवाही है। शव कैसे बदले गए हैं, इसकी जांच कराई जा रही है। लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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