Agra News: शालू दीदी ने भगवान भोलेनाथ से किया विवाह, जानें इसे लेकर क्या कहते हैं शास्त्र

Agra News: अगर आपकी भक्ति उच्च कोटि की है तो आप अपने आराध्य से विवाह कर सकते हैं। बिलकुल वैसे जैसे मीरा बाई ने भगवान श्री कृष्ण किया था। इसी तरह और भक्त भी अपने ईश्वर अपना जीवनसाथी मानकर उनसे विवाह कर सकते है।

Update:2023-07-10 13:38 IST
Brahmakumari Shalu Didi got married to lord shiva

Agra News: यूपी आगरा के शास्त्रीपुरम स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम में रविवार को अनोखा विवाह हुआ। इसमें भगवाव शिव को दूल्हा बनाया गया और ब्रह्माकमुारी शालू दीदी को दुल्हन बनाया गया। इसके बाद सभी रस्मों के साथ दोनों का विवाह कराया गया। इसी क्रम में पहले भी कई खबरें सामने आ चुकी हैं। जैसे- किसी लड़की ने रचाई भगवान विष्णु से शादी। किसी ने श्रीकृष्ण की प्रतिमा से किया विवाह आदि।

अब ऐसे में मन में कई सवाल आते है कि क्या इस तरह की शादी मान्य होती है। क्या ऐसी शादी करना सही होता है। और क्या ये शादियां बिलकुल वैसे ही निभाई जाती हैं, जैसे और शादियां। इन शादियों को लेकर शास्त्रों में क्या कहा गया है। आइये जानते हैं।

भगवान से विवाह का महत्व

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र मीमांसा विभाग के प्रोफेसर माधव जनार्दन रटाटे का इसे बारे में कहना है कि, ईश्वर सभी के पति और पिता ही होते हैं। अगर आपकी भक्ति उच्च कोटि की है तो आप अपने आराध्य से विवाह कर सकते हैं। बिलकुल वैसे जैसे मीरा बाई ने भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मानकर उनसे विवाह किया था। इसी तरह और भक्त भी अपने ईश्वर अपना जीवनसाथी मानकर उनसे विवाह कर सकते है। लेकिन अगर ये सिर्फ दुनिया में दिखावे के लिए किया जा रहा है, तो ऐसा करना बेहद ही गलत होता है।

भगवान से विवाह का मतलब

ऐसे विवाह को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के न्यासी सदस्य और ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय का कहना है कि भगवान के साथ विवाह करने का मतलब होता है, खुद को ईश्वर के प्रति समर्पित कर देना है। ब्रह्माकमुारी शालू दीदी ने अगर ये कदम उठाया है, तो उनकी गहरी आस्था और श्रद्धा भगवान के चरणों में होगी। जिस तरह से मीराबाई ने श्रीकृष्ण से विवाह उनकी जिंदगी भर सेवा करती रहीं, इसी तरह शालू दीदी ने भी जिंदगी भर भगवान भोलेनाथ की सेवा का संकल्प लिया है। इसके अलावा मान्यता यह भी है कि अगर किसी मांगलिक कन्या का विवाह पहले भगवान विष्णु से कराया जाए, तो उसका मांगलिक दोष दूर हो जाता है।

शास्त्रों में विवाह का मतलब

शास्त्रों के मुताबिक, भगवान से मांगलिक महिलाओं का विवाह करना आम बात है। इसके अलावा ऐसा करने के पीछे दो कारण होते है। पहला कि महिला ने ऐसा अपने आराध्य के प्रति आस्था और समर्पण के लिए किया हो। दूसरा कारण खुद का प्रचार करना भी हो सकता है, जो बेहद ही गलत होता है।

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