Agra: 'साहब मैं जिंदा हूं...कागजों में मेरी मौत हो गई', बुजुर्ग की बात सुनकर अधिकारी रह गए हैरान, जांच शुरू

Agra News: दीनानाथ ने बताया, 'कागजों में मुझे जिंदा नहीं किया जा रहा'। हालातों परेशान दीनानाथ बहुत परेशान है। अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। मामला मीडिया के सामने आने के बाद अधिकारियों ने प्रकरण पर संज्ञान लिया है।

Report :  Arpana Singh
Update:2023-11-25 22:38 IST

Agra News: उत्तर प्रदेश (UP News) के आगरा में एक बुजुर्ग ने सरकारी अधिकारी से कहा, कि मैं जिंदा हूं लेकिन सरकारी कागजों में मेरी मौत हो गई है। इस वजह से बुजुर्ग की पेंशन रोक दी गई है। बुजुर्ग की बात सुन सरकारी अधिकारी भी हैरान रह गए। आख़िरकार, मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

सरकारी कामकाज की बात ही अलग है। कब कागजों में क्या खेल हो जाये, पता नहीं चलता। ये बात इसलिए भी कही जा रही है कि इसी सरकारी कामकाज में हुई लापरवाही की वजह से एक जिंदा आदमी को अपने जीवित होने के सबूत देने पड़ रहे हैं।

तख्ती पर लिखा था-...साहब मैं जिंदा हूं !

ऐसा ही नजारा शनिवार (25 नवंबर) को जिलाधिकारी कार्यालय पर देखने को मिला। अचानक लोगों की नजर दीनानाथ पर पड़ी, तो सभी चौंक गए। क्योंकि, दीनानाथ के हाथ में तख्ती थी। तख्ती पर लिखा था साहब मैं जिंदा हूं। मुझे कागजो में मृत दिखाकर मेरी पेंशन बंद कर दी गई है। लोगों ने दीनानाथ से पूछा कि, क्या हुआ? उन्होंने जो कुछ बताया वो व्यवस्था का ऐसा कड़वा सच था। जिसने आज जिंदा आदमी को इस कदर मजबूर कर दिया है कि उसे खुद अधिकारियों के पास जाकर अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ रहा है।

क्या है मामला?

एतमादपुर के रहने वाले दीनानाथ ने बताया कि, पेंशन की जांच करने पहुंचे अधिकारी ने मुझे मृत घोषित कर मेरी पेंशन बंद करा दी। बुजुर्ग ने बताया कि, पूर्व में उन्हें समाज कल्याण विभाग से वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी। ग्राम विकास अधिकारी गौरव पाठक ने वृद्धावस्था पेंशन के सत्यापन में मुझे मृत दर्शाकर पेंशन बंद करवा दी। पीड़ित ने ये भी बताया कि, पेंशन बंद होने के कारण रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है। दो महीने से अधिकारियों के चक्कर काट रहा हूं। लेकिन, कोई अधिकारी मेरी सुनवाई नहीं कर रहा। अब तक मेरी पेंशन चालू नहीं हो पाई।

'कागजों में मुझे जिंदा नहीं किया जा रहा'

दीनानाथ ने बताया, 'कागजों में मुझे जिंदा नहीं किया जा रहा'। हालातों परेशान दीनानाथ बहुत परेशान है। अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि, उनकी पेंशन चालू कर दी जाए। मामला मीडिया के सामने आने के बाद अधिकारियों ने प्रकरण पर संज्ञान लिया है। प्रकरण की जांच करवाकर पीड़ित को इंसाफ़ दिलवाने के आश्वासन दिया है। देखना होगा कि दीनानाथ कागजों में कब तक जिंदा हो पाते हैं। उनकी पेंशन शुरू हो पाती है ।

दीनानाथ बोले- मुझे काफी दिक्कत हो रही

इस संबंध में दीनानाथ ने मीडिया से भी गुहार लगाई। उन्होंने कहा, 'साहब मैं जिंदा हूं। मुझे कागजों में मृत दिखाकर मेरी पेंशन रोक दी गई। पेंशन न मिल पाने की वजह से मुझे काफी दिक्कत हो रही है। साहब मुझे कागजों में जिंदा करवा दो। मेरी पेंशन चालू करवा दो।'

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