UP Nikay Chunav 2023: आगरा में माननीयों के वार्ड से चुनाव हार गई भाजपा, अपने ही बेटे को नहीं जिता पाए जिलाध्यक्ष

UP Nikay Chunav 2023: आगरा में भाजपा भले ही मेयर का चुनाव जीत गई हो लेकिन अन्य सीटों पर करारी हार मिली है।

Update: 2023-05-14 12:07 GMT
Image: Social Media

Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश के आगरा में निकाय चुनाव की हार जीत का फैसला हो चुका है। चुनाव में भाजपा ने विपक्षी दलों पर बढ़त ले ली है। भाजपा मेयर का चुनाव जीत गई है लेकिन हार और जीत के इस खेल के बीच कई वार्डों में बड़ा उलटफेर हुआ है। सांसद, मंत्री, विधायक, भाजपा पदाधिकारी के वार्डो में भाजपा प्रत्याशियों की हार हुई है। यहां तक की भाजपा जिलाध्यक्ष का बेटा भी चुनाव हार गया है।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद, मंत्री, विधायक और संगठन के बड़े पदाधिकारी भी अपने वार्ड में कमल नहीं खिला पाए। इन वार्डो में भाजपा के प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है । वार्ड 76 ढाकरान वार्ड में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और भाजपा के एमएलसी विजय शिवहरे का निवास है। इस वार्ड में भाजपा प्रत्याशी को निर्दलीय प्रत्याशी श्रीराम धाकड़ ने हराया है। वार्ड 24 मोहनपुरा में राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे निवास करते हैं। निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वार्ड 24 मोहनपुरा से हार मिली है। निर्दलीय प्रत्याशी हर्षित शर्मा ने चुनाव में वार्ड 24 से जीत हासिल की है। वार्ड 19 में भाजपा के विधायक डॉ जीएस धर्मेश निवास करते हैं। वार्ड 19 में भी भाजपा प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाए। जिले में भाजपाइयों की नजर वार्ड 73 नगला पदी पर थी। नगला पदी से भाजपा के जिलाअध्यक्ष गिरिराज सिंह कुशवाहा के पुत्र अमरेश ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन भाजपा इस सीट पर चुनाव हार गई।

भाजयुमो ब्रज क्षेत्र के महामंत्री गौरव राजावत के वार्ड 19 से भी भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है। ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता के वार्ड विजयनगर से भी भाजपा प्रत्याशी की हार हुई है। बाराखंबा वार्ड 21 में ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष पेमेंट शर्मा निवास करते हैं। इस वार्ड से भी भाजपा प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं। वार्ड 77 पूर्व महानगर अध्यक्ष नागेंद्र दुबे गामा के वार्ड से भी भाजपा प्रत्याशी की हार हुई है। आगरा में महापौर पद की दावेदार अनीता खरे भी अपने वार्ड से पार्टी प्रत्याशी को चुनाव जिताने नाकाम रही। पार्टी प्रत्याशी की चुनाव में हार हुई है। जनप्रतिनिधियों और नेताओं के वार्ड में मिली हार से भाजपाई परेशान है। समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसी क्या वजह हो गई जो जनप्रतिनिधियों और नेताओं के वार्ड से जनता ने भाजपा प्रत्याशियों को नकार दिया। उन्हें चुनाव हरा दिया।

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