Agra News: बाज के हमले से खतरे में थी उल्लू की जान, वाइल्ड लाइफ टीम ने किया रेस्क्यू, इलाज जारी

Agra News: फिलहाल उल्लू को मेडिकल परीक्षण जांच के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस की देखरेख में रखा गया है। साइट पर किए गए प्रारंभिक मूल्यांकन से पता चला की, उल्लू को किसी भी तरह की बाहरी चोट नहीं है।

Report :  Arpana Singh
Update: 2023-12-21 06:12 GMT

घायल उल्लू (Newstrack)

Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में दिल्ली पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम के मैदान में एक बोर्न उल्लू बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। स्कूल प्रबंधन ने इसकी जानकारी वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट को दी । टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर उल्लू की जान बचा ली । पक्षी फिलहाल एनजीओ की निगरानी में है । ठीक होने पर उसे वापस जंगल में छोड़ दिया जाएगा। 

जानकारी के मुताबिक सुबह के वक्त स्कूल स्टाफ ने परिसर में एक बार्न आउल प्रजाति के उल्लू को पड़ा हुआ देखा। जिस पर एक बाज़ हमला करने का प्रयास कर रहा था। उल्लू की जान को खतरे में देख स्कूल स्टाफ ने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस को आपातकालीन बचाव हेल्पलाइन +91-9917109666 पर फोन किया। हालातों की जानकारी दी । रेस्क्यू कॉल मिलते ही टीम अलर्ट हो गई । तुरंत जवाब देते हुए, वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपने अनुभवी बचाव कर्मचारियों को स्थान पर भेजा । आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित रेस्क्यू टीम ने उल्लू को रेस्क्यू कर खतरे से सुरक्षित बाहर निकाला। 

फिलहाल उल्लू को मेडिकल परीक्षण जांच के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस की देखरेख में रखा गया है। साइट पर किए गए प्रारंभिक मूल्यांकन से पता चला की, उल्लू को किसी भी तरह की बाहरी चोट नहीं है। लेकिन, बाज़ के साथ लड़ाई के कारण उसमें अत्यधिक घबराहट और तनाव के लक्षण दिखाई दिए है। जिस वजह से वो अभी उड़ने में असमर्थ है। वाइल्डलाइफ एसओएस की समर्पित पशु चिकित्सा टीम वर्तमान में पक्षी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आगे की जांच कर रही है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “संकट में फंसे वन्यजीवों को बचाने और उनके पुनर्वासन की क्षमता वाइल्डलाइफ एसओएस के मिशन का मूलमंत्र है। हम दिल्ली पब्लिक स्कूल के स्टाफ को उनकी त्वरित सोच और दयालु प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद देते हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस जरूरतमंद वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे बचाव सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है।''

वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप निदेशक, डॉ. एस इलियाराजा ने कहा, “उल्लू न केवल खतरे में था बल्कि डिहाइड्रैटड और कमजोर भी था। हमारी समर्पित टीम उसको फिर से स्वस्थ बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। हम इस बार्न आउल की भलाई और उसे उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ने को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 


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