लखनऊ: योगी राज में एक बार फिर गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी की मांग उठने लगी है। इस बार ऑल इंडिया इमाम वेलफेयर एसोसिएशन (AIIWA) ने प्रदेश के कई संगठनों के साथ मिलकर आवाज बुलंद की है। इन संगठनों में अखाड़ा परिषद भी शामिल है।
हालांकि, अखाड़ा परिषद के महंत आचार्य नरेंद्र गिरी स्वास्थ्य कारणों से एसोसिएशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं पहुंच सके, लेकिन सहयोगी संगठनों ने एक साथ शराबबंदी को लेकर बड़े पैमाने पर मुहिम छेड़ने का ऐलान किया।
गुजरात मॉडल पर लागू हो शराबबंदी
ऑल इंडिया इमाम वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना इमरान हसन ने कहा, कि 'बिहार और गुजरात मॉडल पर यूपी में भी शराबबंदी होना जरूरी है। सूबे में अपराध की मुख्य जड़ शराब है। इसकी वजह से महिलाओं के प्रति अपराधों में इजाफा हो रहा है। अगर, शराबबंदी लागू हो जाए तो अपराध के आंकड़ों में कमी आ जाएगी।
गवर्नर और सीएम से की अपील
इमरान हसन ने बताया, कि 'सीएम योगी आदित्यनाथ से एसोसिएशन की तरफ से शराबबंदी की मांग की गई है।' वहीँ, धर्मगुरु अमरनाथ मिश्र ने बताया, कि 'राज्यपाल को शराबबंदी लागू करने का ज्ञापन देने के बाद अब वो मीडिया के बीच आए हैं। अगर जल्द ही ये रोक नहीं लगी तो वो सड़कों पर उतरकर व्यापक प्रदर्शन करेंगे। साथ ही सरकार को घेरने का भी काम करेंगे। प्राथमिकता के साथ स्कूलों और धर्मिक स्थलों के पास से शराब की दुकानों को हटाए जाने के साथ प्रदेश में शराबबंदी की मांग भी की है।'