Lucknow News: शाबाश शुभांशु! अंतरिक्ष में तिरंगा फहराएगा लखनऊ का लाल

Lucknow News: लखनऊ के त्रिवेणी नगर के शंभु दयाल और आशा शुक्ला के बेटे शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष मिशन के लिए मुख्य पायलट चुना गया है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-03 05:23 GMT

कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Pic: Social Media)

Lucknow News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी को केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में गगनयान मिशन (Mission Gaganyaan) के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा की थी। इनमें एक नाम लखनऊ के शुभांशु शुक्ला का भी था। शुक्रवार को जब यह खबर उनके घर पहुंची तो उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शुभांशु के साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री इसरो के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के तहत पृथ्वी की निचली कक्षा में जाएंगे। लखनऊ के शुभांशु का इसमें चयन होने से पूरी राजधानी में खुशी और गर्व की लहर है।  

परिवार में खुशी की लहर

लखनऊ के त्रिवेणी नगर के शंभु दयाल शुक्ला के बेटे को अंतरिक्ष मिशन (Mission Gaganyaan) के लिए मुख्य पायलट चुना गया है। यह सूचना शुक्रवार शाम जब घर पहुंची तो माता- पिता और बहनों में खुशी की लहर दौड़ गई। बेटे की इस उपलब्धि पर पिता शंभु दयाल शुक्ला ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। बेटा आज बड़े मिशन के लिए चयनित हुआ है। शुभांशु शुक्ला के परिवार में शुक्रवार को खुशी का माहौल है। बहन शुचि, मां आशा और पिता शंभु दयाल शुक्ला ने इस उपलब्धि पर गर्व जताया है। शुभांशु पत्नी कामना शुक्ला के साथ बेंगलुरु में रहते हैं। उनका पांच वर्ष का बेटा कियाश है।

40 साल बाद दूसरे भारतीय

वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 40 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। नासा (NASA) शुभांशु को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन भेजेगी। इनके साथ ग्रुप कैप्टन बालकृष्णन नायर को इसरो (ISRO) ने भारत अमेरिका संयुक्त मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री के रुप में चुना गया है। जानकारी के अनुसार शुभांशु के नाम की सिफारिश प्राथमिक अंतरिक्ष यात्री के रूप में की गई है। जबकि कैप्टन बालकृष्णन उनके बैकअप होंगे। शुभांशु को 17 जून, 2006 को भारतीय वायु सेना में कमीशन मिला। समय संग शुभांशु ने उत्कृष्टता हासिल की और कम से कम 2000 घंटों की उड़ान का अनुभव हासिल किया है।

एक साल पहले जताई थी इच्छा

कैप्टन की मां आशा शुक्ला ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कैप्टन शांत स्वभाव के हैं। उन्हें क्रिकेट खेलने और अच्छे खाने का शौक है। उन्होंने बताया कि एयरफोर्स की नौकरी में जाने के बाद साल या डेढ़ साल बाद ही कैप्टन का घर आना होता है। सचिवालय से ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद से सेवानिवृत्त शंभु दयाल शुक्ला ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में पहली बार शुभांशु ने अंतरिक्ष यात्री (Mission Gaganyaan) बनने की इच्छा जाहिर की थी। तब यह अंदाजा नहीं था कि यह पल इतनी जल्दी आंखों के सामने होगा। शुभांशु की छोटी बहन शुचि मिश्रा ने इस पल को रोंगटे खड़ा करने वाला बताया। शुचि ने बताया कि तीन भाई-बहनों में शुभांशु सबसे छोटे हैं। एक बहन की शादी हो गई है।  

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