पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस, जिलाध्यक्षों को जारी हुए ये खास निर्देश

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अध्यक्षता में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आगामी पंचायत चुनावों को लेकर कांग्रेस पंचायत चुनाव कमेटी की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व यूपी प्रभारी बाजीराव खाड़े भी मौजूद रहे।

Update:2020-03-04 19:24 IST

लखनऊ: यूपी में कांग्रेस आगामी पंचायत चुनाव में पूरी मजबूती के साथ उतरने की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी की पंचायत चुनाव कमेटी को सक्रिय करते हुए सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश भी देते हुए कहा गया है कि पंचायत चुनाव कमेटी आगामी 25 मार्च तक पंचायत चुनाव की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर लें।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अध्यक्षता में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आगामी पंचायत चुनावों को लेकर कांग्रेस पंचायत चुनाव कमेटी की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व यूपी प्रभारी बाजीराव खाड़े भी मौजूद रहे।

बैठक में निर्णय लिया गया कि पंचायत चुनाव कमेटी के सदस्य अपने प्रभार वाले जनपद में जाकर जिला अध्यक्ष व सम्बन्धित प्रदेश प्रभारियों से विचार विमर्श करके संयोजक का चयन करेंगे।

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जिला पंचायत सदस्यों -ब्लाक प्रमुखों को वरीयता

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पंचायत चुनाव के जिला कोआर्डिनेटर-गण पंचायत चुनाव के लिए नियुक्त होने वाले संयोजकों के गठन में पूर्व व वर्तमान जिला पंचायत सदस्यों -ब्लाक प्रमुखों को वरीयता देंगे।

प्रत्येक ब्लाक में दो-दो प्रभारियों की भी नियुक्ति की जाएगी। कमेटी के सभी सदस्यगण 25 मार्च तक पंचायत चुनाव के सम्बन्ध में सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर उप्र. कांग्रेस कमेटी को इसका विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध करायेंगे।

दरअसल, पंचायत चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियां जिलों में अपने संगठन को मजबूत कर रही हैं। हर दल के लिए पंचायत चुनाव बेहद अहम रहने वाले हैं, क्योंकि वर्ष 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में पंचायत चुनाव में जिसका ज्यादा प्रतिनिधित्व होगा, उसकी उतनी ही पकड़ मजबूत मानी जाएगी।

 

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इसी वर्ष अक्टूबर में त्रिस्तरीय (ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य) पंचायत चुनाव होने हैं। इस बार पंचायत चुनाव में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में विधानसभा में प्रयोग की गई मतदाता सूची का ही प्रयोग किया जाएगा। इस बार मतदाताओं को अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ साथ नोटा का विकल्प भी दिया जाएगा।

इसके अलावा वे सभी अधिकारी जो पिछले तीन या उससे अधिक वर्षों से अपने गृह जिले में पोस्टेड हैं और चुनाव की प्रक्रियाओं से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, उन्हें वहां से हटाया जाएगा। पिछली बार के पंचायत चुनाव चार चरणों में हुए थे, जबकि सुरक्षा कारणों से इस बार चुनाव पांच चरणों में हो सकते हैं।

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