अखिलेश का योगी की टीएम-11 पर जोरदार हमला, उठाए सवाल

कोरोना संकट से प्रदेश में लाॅकडाउन की सख्त पाबंदी के बीच राज्य सरकार के आला अफसरों ने ‘आनलाइन‘ के सहारे अपनी नाकामियों को छुपाने का बहाना तलाश लिया है। प्रशासन से गांव-किसान को भी लाभ मिलना चाहिए। तभी गांव-खेती से सम्बन्धित योजनाएं साकार रूप ले सकें

Update:2020-04-22 18:58 IST

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री की टीम-11 प्रदेश की जमीनी वास्तविकता से अनभिज्ञ है इसीलिए लाकडाउन के कारण स्कूल-कालेज बंद होने पर सरकार टीवी और स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई की योजना बना रही है।

सपा अध्यक्ष ने एक सर्वे का हवाला दिया है, जिसके अनुसार लखनऊ तथा वाराणसी के गांवों में 48 और 55 फीसदी लोगों के पास स्मार्टफोन है और लखनऊ में 61.5 प्रतिशत लोगों के पास ही टीवी है। जब राजधानी की यह स्थिति है तब 23 करोड़ आबादी वाले राज्य में गांव-गरीब किस हाल में होंगे। ऐसे में हर बच्चे की शिक्षा का दावा सिर्फ झूठ और जुमलेबाजी के अलावा और क्या हो सकता है?

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से प्रदेश में लाॅकडाउन की सख्त पाबंदी के बीच राज्य सरकार के आला अफसरों ने ‘आनलाइन‘ के सहारे अपनी नाकामियों को छुपाने का बहाना तलाश लिया है। प्रशासन से गांव-किसान को भी लाभ मिलना चाहिए। तभी गांव-खेती से सम्बन्धित योजनाएं साकार रूप ले सकेंगी। अंग्रेजी दां अफसरशाही से किसानों के हितों का संरक्षण नहीं हो सकता है। आज आनलाइन सभी के लिए व्यवहारिक नहीं है।

ग्रामीण युवा कैसे करेंगे आवेदन

सपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा 2020, आरएफओ प्रारम्भिक परीक्षा 2020 तथा एसीएफ की परीक्षाओं के लिए भी आनलाइन आवेदन को हरी झंडी दे दी है। चूंकि सुदूर गांव-देहात तक अभी ‘नेट‘ ठीक से काम नहीं कर रहा है साईबर कैफे उनकी पहुंच में है नहीं, ऐसी दशा में ग्रामीण क्षेत्रों के युवा अपने आवेदन कैसे कर सकेंगे? गांव के नौजवान को अच्छी नौकरियों से वंचित रखने की साजिश है। गांवों में किसानों की फसल तैयार है। लाॅकडाउन में किसान क्रय केन्द्र ढूंढ़ रहा है जिनका कोई पता नहीं। बिचैलिए सक्रिय हैं। अब किसान कहां आनलाइन फसल बेचेगा? सरकार ने किसान के गेहूं की लूट का पूरा जाल बुन दिया है।

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