अखिलेश की सभा में था माया जिन्दाबाद, वो सपा पर फोड़ रही थी हार का ठीकरा

मायावती ने पार्टी के हार की समीक्षा करते हुए अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा जिसके बाद से मीडिया में हलचल मच गई और सपा बसपा गठबंधन के टूटने का खतरा भी साफ नजर आने लगा।

Update: 2019-06-03 16:22 GMT

लखनऊ: जहां आज एक तरफ अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में जीत ​के बाद आजमगढ़ की जनता को धन्यवाद दे रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ मायावती देश की राजधानी दिल्ली में अपने पार्टी के हार का ठीकरा समाजवादी पार्टी पर फोड़ने में लगी हुई थी।

मायावती ने पार्टी के हार की समीक्षा करते हुए अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा जिसके बाद से मीडिया में हलचल मच गई और सपा बसपा गठबंधन के टूटने का खतरा भी साफ नजर आने लगा।

इस दौरान मायावती ने ये भी ऐलान किया कि उनकी पार्टी 11 विधानसभा सीटो पर अकेले दम पर उपचुनाव लड़ेगी। इससे सिथति और साफ हो गई। फिलहाल अभी तक दोनों पार्टी की ओर से काई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बता दें कि जिस समय अखिलेश यादव मंत्र पर से आजमगढ़ की जनता को धन्यवाद दे रहे थे तो पीछे होर्डिंग में उनके नाम के साथ ही मायावती के नाम के आगे भी जिन्दाबाद लिखा दिखाई दिया।

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मायावती समाजवादी पार्टी से दूर होने का कारण खोज रही थी उधर अखिलेश यादव मायावती को स्वार्थ की राजनीति का दायरा बढ़ा रहे थे मायावती ने जल्दबाजी में दिल्ली में यह बयान दिया की यादव वोट बीएसपी में नहीं ट्रांसफर हुआ। लेकिन अखिलेश यादव ने कोई बयान नहीं दिया पर समाजवादी पार्टी देर शाम एक गांव अपने पास रखा था और तारीख भी मुकर्रर की थी कि जिस दिन मायावती दिल्ली में बैठकर समाजवादी लोगों को दोषी साबित करेंगे और इस गठबंधन का सारा ठीकरा अखिलेश यादव पर फोड़ देंगे पर मायावती ने शायद जल्दबाजी की।

क्योंकि अखिलेश यादव ने ही आनन-फानन में मायावती के विचारधारा को पढ़ लिया अखिलेश ने यह तय किया कि मैं आजमगढ़ आज ही जाऊंगा और वहां के लोगों का धन्यवाद करूंगा शायद यह यह दिल जीतने वाली बात होगी मायावती का इस बात पर सारा ध्यान नहीं था कि अखिलेश यादव गठबंधन को बहुत बारीकी से और अच्छे के लिए कर रहे थे भले वह मोदी हटाओ अभियान में शामिल थे पर मायावती की हर्षित मदारी करने को तैयार पीते हैं।

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मायावती को कभी नीचा दिखाने की कोशिश नहीं की भले ही यह स्वार्थ मोदी हटाओ अभियान के तहत था पर मायावती ने यह बता दिया कि वह अवसर की राजनीति करती है उसमें उनकी कोई प्रतिष्ठा या लगाव नहीं होता है ना दोस्त कोई होता है सिर्फ और सिर्फ पार्टी और पैसा होता है।

अखिलेश ने देर शाम यह साबित किया कि मैं मेरा कार्यक्रम आजमगढ़ में आज था सम्मान समारोह का और उसके बैकग्राउंड में लगी होल्डिंग उसमें अखिलेश यादव मुलायम सिंह और मायावती जिंदाबाद के नारे लगे थे यह साफ इशारा कर रहे हैं जो भारतीय मीडिया अखिलेश यादव को दोषी बता रही है और मायावती के फेवर में खबर चला रही है कि मायावती को जीरो से 10 तक अखिलेश यादव ने पहुंचाती है पर यह कोई नहीं लिख रहा है कि मायावती स्वास्थ्य की राजनीति करती है इतिहास बीएसपी का यही है।

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