UP News: विधानसभा सत्र के समापन पर ली गई तस्वीर पर अखिलेश ने सरकार को घेरा, दोनों डिप्टी सीएम की गैरमौजूदगी पर उठाए सवाल
UP News: यूपी सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक गायब हैं। अखिलेश यादव ने इनकी गैरमौजूदगी पर सवाल खड़े किए हैं।
UP News: सपा सुप्रीमो और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने एकबार फिर योगी सरकार पर हमला बोला है। इस बार उन्होंने उस तस्वीर को मुद्दा बनाया है, जिसे 3 मार्च को विधानसभा सत्र के समापन के मौके पर खींचा गया था। तस्वीर में विधानसभा के तमाम सदस्य और मंत्रीगण मौजूद हैं। लेकिन यूपी सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक गायब हैं। अखिलेश यादव ने इनकी गैरमौजूदगी पर सवाल खड़े किए हैं।
सपा सुप्रीमो ने तस्वीर को ट्वीट करते हुए प्रदेश सरकार से तीन सवाल किए। उन्होंनें लिखा, दोनों उपमुख्यमंत्रियों के बिना खींची गई सदन-विधायकों की तस्वीर अधूरी है। हमारी मांग है कि सरकार की तरफ़ से उनकी अनुपस्थिति का ये स्पष्टीकरण आए कि
-क्या वो लोग आए नहीं या बुलाए नहीं गये?
-क्या उपमुख्यमंत्रियों के पद का कोई महत्व है या नहीं?
-क्या उनकी गिनती होती भी है या नहीं?
11 दिन चला विधानसभा का सत्र
उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र 20 फरवरी से शुरू होकर 3 मार्च यानी कुल 11 दिन तक चला। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि सदन की कार्यवाही 83 घंटे 38 मिनट चली। 21 मार्च को विधानसभा के वर्तमान और पूर्व सदस्यों के निधन पर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। 11 दिन के उपवेशन में 2 अल्पसूचित प्रश्न, 362 तारांकित प्रश्न और 2519 अतारांकित प्रश्न प्राप्त हुए। इनमें कुल 1259 प्रश्नों के जवाब दिए गए।
बता दें कि विधानसभा का यह सत्र काफी हंगामेदार रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। बजट और उमेल पाल हत्याकांड को लेकर दोनों एक दूसरे पर खूब बरसते नजर आए।
अखिलेश ने लाठीचार्ज का शेयर किया वीडियो
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने रविवार को एक और ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है। यादव ने अपने ट्वीट में एक वीडियो शेयर किया है, जो काशी में गंगा घाट की है। जहां मसान की होली चल रही है, कुछ लोग डमरू बजा रहे हैं। जिन्हें पुलिसकर्मी पीटते नजर आ रहे हैं।
सपा नेता ने इस पर तंज कसते हुए लिखा, भाजपाकाल में काशी के घाट पर लाठी से पुलिसिया होली खेलने का नया दौर आया है। शुक्र तो ये मनाइए कि होली खेलनेवालों पर भाजपाइयों ने बुलडोज़र नहीं चलवाया। शायद एकरंगी सोचवालों को बहुरंगी होली पसंद नहीं।