Akhilesh Yadav: उपचुनाव में हार के बाद अखिलेश यादव ने सभी कार्यकारिणी और प्रकोष्ठ को किया भंग, नरेश उत्तम की कुर्सी बची
Akhilesh Yadav: सपा अध्यक्ष के इस कदम के बाद अब समाजवादी पार्टी में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। समाजवादी पार्टी आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई है।
Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रामपुर, आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर बाकी सभी कमेटियों को भंग कर दिया है। अखिलेश यादव के निर्देश पर जिन कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग किया गया है, उसमें पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा के साथ अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, राष्ट्रीय, राज्य, जिला कार्यकारिणी को सस्पेंड कर दिया है। सपा अध्यक्ष के इस कदम के बाद अब समाजवादी पार्टी में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई है।
समाजवादी पार्टी ने किया ट्वीट
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने तत्काल प्रभाव से सपा उ.प्र. के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय,राज्य, जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
संगठन को नए ढंग से खड़ा करने की जरूरत
आपको बता दें अखिलेश यादव को पहले विधानसभा चुनाव, फिर विधान परिषद उसके बाद उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद अब उन्हें लगने लगा है कि संगठन को नए ढंग से खड़ा करने की जरूरत है। इसी के तहत उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर बाकी सभी कमेटियों और प्रकोष्ठ को भंग कर दिया है। अब वह इसके लिए नए सिरे से अपने नेताओं के साथ मंथन करेंगे और फिर युवाओं, पार्टी के प्रति निष्ठा और ईमानदारी दिखाने वाले नेताओं को जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नहीं खड़े हुए थे वहां गठबंधन के प्रत्याशी उतारे गए थे वहां पार्टी के अंदर काफी भितरघात हुआ इसका खामियाजा चुनाव में उन्हें उठाना पड़ा था।
चुनाव के बाद अखिलेश यादव ने सभी जिला अध्यक्षों, विधायकों हारे हुए प्रत्याशी और अपने वरिष्ठ नेताओं से रिपोर्ट तलब की थी। जिसके बाद उन्होंने ये बड़ा कदम उठाया है. सपा प्रमुख अब नए सिरे से अपने संगठन को खड़ा कर आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने नेताओं को मैदान में उतारना चाहते हैं क्योंकि 2024 का चुनाव उनके लिए काफी अहम होगा जब वह फिर से बीजेपी के सामने मैदान में उतरेंगे।