Akhilesh Yadav: छापेमारी पर अखिलेश यादव का बड़ा खुलासा, कहा- सुविधा शुल्क भी देना पड़ता है...

Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जाति-धर्म देखकर व्यापारियों के यहां छापेमारी की जा रही है। छापेमारी में व्यापारियों से सुविधा शुल्क लिया जा रहा है। इससे प्रदेश के व्यापारी काफी हताश हैं।

Update:2023-04-01 22:33 IST
फाइल फोटो- अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शनिवार को कानपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व राज्य सरकारों पर जमकर निशाना साधा। कानपुर नगर के किदवईनगर में निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आए पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सरकार से व्यापारियों को राहत देने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के व्यापारी नोटबंदी और जीएसटी से परेशान हैं। सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जाति-धर्म देखकर व्यापारियों के यहां छापेमारी की जा रही है। छापेमारी में व्यापारियों से सुविधा शुल्क लिया जा रहा है। इससे प्रदेश के व्यापारी काफी हताश हैं।

कानपुर अग्निकांड पर जताई सहानुभूति

कानपुर अग्निकांड पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सहानुभूति जताई। कहा कि सरकार को व्यापारियों की मदद करनी चाहिये। व्यापारी पहले ही नोटबंदी की मार झेल चुका है। इस समय प्रदेश का व्यापारी कहीं जीएसटी और छापे से परेशान है। ऐसे में इन व्यापारियों को परेशान न किया जाए।

जाति-धर्म देखकर मारा जा रहा है छापा

अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, "जिन विभागों और सरकारों को व्यापारियों की मदद करनी चाहिए, आज वही परेशान कर रहे हैं। जीएसटी के अधिकारियों को पता है किसके यहां छापा मारना है और किसके यहां नहीं। ये लोग जाति-धर्म देखकर छापा मार रहे हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में अगर आप रिकॉर्ड निकलवाएंगे तो पाएंगे कि जाति-धर्म देखकर पता चल जाएगा कि छापा किसके यहां पड़ा है।"

व्यापारियों से लिया जा रहा है छापेमारी शुल्क- अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा, "छापे में जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई बाद में करनी पड़ेगी लेकिन छापे का शुल्क है कोई और यह व्यक्ति (एक व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए) शुल्क देकर आया है। जिनके यहां छापा पड़ा है उनसे पूछिये छापेमारी के चलते कानूनी लड़ाई तो लड़नी ही पड़ेगी, लेकिन उनसे यह भी पता करिए छापेमारी के दौरान उनसे शुल्क कितना लिया गया है?"

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