UP Politics: किसानों के साथ अखिलेश यादव, योगी सरकार पर जमकर साधा निशाना, कोई चिंता नहीं BJP को हमारी

UP Politics: उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह दावा करते नहीं थकते हैं कि भाजपा राज में किसान खुशहाल है। उनका कहना है कि अब किसान आत्महत्या नहीं करते हैं दो किसानों ने कर्ज से तंग आकर आत्महत्या कर ली। बांदा के तिंदवारी के बेंदा गांव में 35 वर्षीय ललित कुमार सिंह ने परेशानी में फांसी लगा ली। जबकि झांसी के गांव तिलेरा में किसान ने आत्महत्या कर ली।

Update:2023-08-25 18:01 IST
Akhilesh yadav (social media)

UP Politics: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसान सर्वाधिक बदहाली की जिंदगी जी रहा है। प्राकृतिक आपदा के साथ सरकारी कुव्यवस्थाओं के चलते हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। पर भाजपा सरकार को गरीबों, किसानों की कोई चिंता नहीं है। बाढ़, सूखा के संकट के साथ बिजली संकट ने किसानों को कर्ज के बोझ से भी लाद दिया है। इससे तंग आकर किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहा है।

कर्ज से तंग आकर दो किसानों नें की आत्महत्या-अखिलेश

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह दावा करते नहीं थकते हैं कि भाजपा राज में किसान खुशहाल है। उनका कहना है कि अब किसान आत्महत्या नहीं करते हैं दो किसानों ने कर्ज से तंग आकर आत्महत्या कर ली। बांदा के तिंदवारी के बेंदा गांव में 35 वर्षीय ललित कुमार सिंह ने परेशानी में फांसी लगा ली। जबकि झांसी के गांव तिलेरा में किसान ने आत्महत्या कर ली।

प्राकृतिक आपदा पीड़ितो को नहीं मिली राहत-अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा कि कहीं सूखा, कहीं बाढ़ के हालात ने किसानों को कहीं का नहीं रखा है। अभी तक न तो प्राकृतिक आपदा पीड़ित क्षेत्रों का सर्वे कराया गया है और नहीं मुआवजा दिया गया है। लखीमपुर खीरी, मवाना, के अलावा गंगा, सरयू तटवर्ती गांवों में तबाही मची है। अम्बेडकर नगर सहित कई जनपदों में वर्षा का संकट हैं किसान पानी को तरस रहे हैं। धान के खेतों में दरार देखकर अन्नदाता की चिंता बढ़ती जा रही है।

बिजली आपूर्ति घटी-अखिलेश यादव

सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी सरकार ने अपने राज में बिजली का एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया है। इसी का नतीजा है कि लोकसभा में 27 जुलाई को ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश के गांवों में हर साल बिजली की आपूर्ति घटती जा रही है। रोजाना औसतन 1.080 ट्रांसफर फुंक रहे हैं। बीजेपी सरकार की अव्यवस्था के चलते फसलों का उचित दाम नहीं मिला, बिजली आपूर्ति में बाधा, आवारा पशुओं की बढ़त तथा बाढ़-सूखा संकट ने प्रदेश के किसानों की कमर तोड़ दी।

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