UP Politics: अखिलेश अपनी सीट से भतीजे को लड़ाएंगे चुनाव! 1993 से है यहां सपा का कब्जा, जानिए क्या है यहां का समीकरण

UP Politics: सपा अध्यक्ष करहल विधानसभा सीट से अपने भतीजे तेज प्रताप को उप चुनाव लड़ा सकते हैं। यह सीट यादव परिवार की सबसे मजबूत सीट मानी जाती है। यहां से सपा लगातार कई चुनाव जीतती आ रही है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-08-21 05:42 GMT

अखिलेश यादव  (photo: social media ) 

UP Politics: 2024 लोकसभा चुनाव के बाद अब उत्तर प्रदेश में जल्द ही विधानसभा की दस सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं। इन सीटों पर भाजपा और समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन दस सीटों में से एक सीट अखिलेश यादव की करहल की भी है। यहां से अखिलेश यादव 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से जीत के बाद उन्होंने करहल सीट से इस्तीफा दे दिया है। अब इस सीट पर भी उप चुनाव होना है। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अपनी करहल सीट से अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को टिकट दे सकते हैं। तेज प्रताप यादव मैनपुरी से सांसद भी रह चुके हैं। वे सैफई के ब्लाक प्रमुख भी रह चुके हैं।

करहल सीट पर तेज प्रताप यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है। यह सीट यादव परिवार की सबसे सुरक्षित सीट कही जाती है।

कौन हैं तेज प्रताप? जिन्हें करहल से चुनाव लड़ा सकते हैं सपा प्रमुख

बता दें कि तेज प्रताप का जन्म 21 नवंबर 1987 को हुआ था। वे मैनपुरी से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। 2004 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले तेज प्रताप सबसे पहले सैफई से निर्विरोध क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने गए थे। 2012 में वे सैफई के ब्लाक प्रमुख भी निर्विरोध ही चुने गए।


स्कूली पढ़ाई दिल्ली से लंदन से एमबीए

तेज प्रताप यादव ने दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई की है। उन्होंने 2005 में इंटरमीडिएट और 2008 में एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से बीकॉम किया। उन्होंने वर्ष 2009 में लंदन की लीड्स यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की।


संभालते हैं सैफई महोत्सव की जिम्मेदारी

बता दें तेज प्रताप यादव मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के पोते हैं। उनके पिता रणवीर सिंह यादव सैफई महोत्सव के संस्थापक रहे हैं। 2002 में रणवीर सिंह का निधन हो गया था। उसके बाद तेज प्रताप यादव ने उनकी कमान संभाली थी।


मां हैं ब्लाक प्रमुख

तेज प्रताप यादव की मां मृदुला यादव सैफई की ब्लाक प्रमुख हैं। 2014 में तेज प्रताप मैनपुरी लोकसभा सीट से उपचुनाव में जीत कर पहली बार सांसद बने थे।


लालू की बेटी से हुई है शादी

तेज प्रताप बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। उनकी शादी लालू प्रसाद की बेटी राज लक्ष्मी यादव से वर्ष 2015 में हुई थी।


शादी में पीएम मोदी भी हुए थे शामिल

तेज प्रताप यादव की शादी में उन्हें आशीर्वाद देने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आए थे। इस दौरान एक ही मंच पर मुलायम सिंह और लालू प्रसाद यादव ने नरेन्द्र मोदी का स्वागत भी किया था।


करहल सीट का राजनीतिक इतिहास

-1956 के परिसीमन के बाद करहल विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी। 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के पहलवान नत्थू सिंह यादव यहां से जीत कर पहले विधायक बने थे।

-उसके बाद करहल से 1962, 1967 और 1969 में स्वतंत्र पाटी, 1974 में भारतीय क्रांति दल और 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर नत्थू सिंह विधायक बने, 1980 में कांग्रेस के शिवमंगल सिंह ने यहां से जीत दर्ज की थी।

-उसके बाद जातिगत हवा के चलते करहल से 1985 से 1996 तक बाबूराम यादव ने चुनाव जीता था।

1993 से है सपा का कब्जा

-बता दें बाबूराम यादव ने तीन चुनाव जनता दल के टिकट पर जीते थे, लेकिन 1993 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।

-उसके बाद वह दो बार विधायक रहे, लेकिन 2002 में उन्हें भाजपा के सोबरन सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, कुछ समय बाद सोबरन सिंह सपा में शामिल हो गए और तब से वह कई बार यहां से चुनाव जीते। 2017 में भाजपा की लहर के बाद भी सपा को यहां से भारी वोट मिले थे।

क्या है इस सीट का जातिगत समीकरण?

-अगर करहल विधानसभा में जातिगत समीकरण की बात किया जाए तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3,71,241 है।

-इनमें 2,01,394 पुरुष और 1,69,851 महिला और 16 मतदाना अन्य श्रेणी के हैं। कुल मतदाताओं में 40 प्रतिशत मतदाता केवल यादव समुदाय से आते हैं।

-इसी तरह 17 प्रतिशत मतदाता अनुसूचित जाति (एससी), 13 प्रतिशत शाक्य, नौ प्रतिशत ठाकुर, सात प्रतिशत ब्राह्मण, छह प्रतिशत अल्पसंख्यक और अन्य जाति और समुदाय के आठ प्रतिशत मतदाता करहल विधानसभा क्षेत्र में हैं। ऐसे में देखा जाए तो इस सीट पर यादव मतदाता निर्णयक भूमिका में हैं।

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